कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि मिजोरम में उसकी सरकार बनने पर नयी विधानसभा के पहले ही सत्र में वन एवं भूमि संरक्षण और आदिवासियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए विधेयक पारित किया जाएगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने मौका मिलने पर भी ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारों पर चलती है।
मिजोरम में सभी 40 विधानसभा सीटों के लिए आगामी सात नवंबर को मतदान होगा। मतगणना तीन दिसंबर को की जाएगी।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान वन संरक्षण अधिनियम में संशोधनों को मंजूरी दे दी, जिसका पूरे देश, खासकर पूर्वोत्तर में जबरदस्त विरोध हुआ और आक्रोश देखने को मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वादा है कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार मिजोरम की नयी विधानसभा के पहले सत्र में एक नया विधेयक पारित करेगी, जो राज्य के आदिवासी लोगों की भूमि, जंगलों और अधिकारों की रक्षा की गारंटी देता होगा। वन समवर्ती सूची का हिस्सा हैं, इसलिए इस विधेयक को अनुच्छेद 254(2) के प्रावधान के तहत सहमति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।’’
रमेश ने कहा कि एमएनएफ सरकार को संसद के मानसून सत्र के तुरंत बाद यही करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह भाजपा के इशारों पर नाचती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जेपीएम (जोराम पीपुल्स मूवमेंट) कभी नहीं करेगा, क्योंकि वह बिना किसी विचारधारा, बिना किसी कार्यक्रम और बिना संगठन की एक पार्टी है और कुछ ही समय में भाजपा के साथ समझौता कर लेगी।’’
जेपीएम मिजोरम की एक प्रमुख पार्टी है।
रमेश ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को 30 अक्टूबर को मिजोरम में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था। लेकिन अब खबरें हैं कि उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है।