कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने और वक्फ संशोधन विधेयक पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा को संबोधित करते हुए हुसैन ने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से झूठ और भाजपा द्वारा गलत सूचना अभियान पर आधारित है। हुसैन ने आरोप लगाया कि आप सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करते हैं और फिर हम पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाते हैं… यह विधेयक पूरी तरह झूठ पर आधारित है और पिछले छह महीनों में गलत सूचना अभियान चलाया गया है। भाजपा की फर्जी फैक्ट्री गलत सूचना फैलाने में लगी हुई है।
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आगे वक्फ संपत्तियों की वैधता का बचाव करते हुए हुसैन ने कहा कि वे संपत्तियां आज भी मौजूद हैं और लंबे समय से उपयोग में हैं; यही उनके वक्फ में होने का सबूत है। उन्होंने सवाल किया, “आप सभी के लिए सबूत कैसे मांगेंगे? आप सदियों पुरानी जगहों का सबूत कैसे मांगेंगे?” उन्होंने आगे भाजपा पर दंगे भड़काने और वोट बैंक बनाने का आरोप लगाया। हुसैन ने कहा, “वे दंगे भड़काने और अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
हुसैन ने सरकार से जानना चाहा कि क्या सरकार ‘प्रैक्टिसिंग मुस्लिम’ की पहचान करने के लिए कोई अलग विभाग खोलेगी और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो लगा कर कोई प्रमाणपत्र देगी ? उन्होंने कहा कि इस विधेयक का असली मकसद यह है कि खुद सरकार की नज़र वक्फ़ की जमीन पर लगी हुई है। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए यह विधेयक लेकर आया है। हुसैन ने सरकार को चुनौती दी कि विधेयक पर विचार के लिए जो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की गयी थी, उसमें आये अधिकतर लोगों ने विधेयक के खिलाफ राय दी।
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उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि जेपीसी और सरकार के पास इस विधेयक को लेकर जो ज्ञापन और दस्तावेज आये, उन्हें सार्वजनिक किया जाए ताकि देश को पता चल सके कि विधेयक के पक्ष में कितने लोगों ने सुझाव दिये और कितने लोगों ने इसका विरोध किया। उपरोक्त जेपीसी के सदस्य हुसैन ने कहा कि समिति की बैठक में विधेयक के प्रावधानों पर विस्तार से विचार विमर्श नहीं किया गया और विपक्ष के सदस्यों की आवाज को दबाया गया। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों की किसी भी सिफारिश को जेपीसी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया।