बिहार की राजनीति में जबरदस्त चर्चा का दौर जारी है। इन सबके बीच इस बात के कयास खूब लग रहे हैं कि बिहार में क्या एक बार फिर से नीतीश कुमार पलटी मारेंगे? क्या बिहार में फिर से सरकार बदल जाएगी? बिहार की राजनीति को लेकर फिलहाल चर्चा तेज है। नीतीश के हाल फिलहाल के कदमों को लेकर भी इस बात की चर्चा हो रही है। नीतीश कुमार ने तो पहले अपने विधायकों और सांसदों से 1-2-1 बैठक की थी। इसके बाद अपने बेहद करीबी नेता से उन्होंने मुलाकात करके चर्चा का नया दौर शुरू कर दिया है।
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दरअसल, नीतीश कुमार ने हाल में ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह से मुलाकात की थी। इन दोनों की मुलाकात लगभग डेढ़ घंटे तक चली। यह मुलाकात बिल्कुल सीक्रेट थी। इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई। साथ ही साथ तेजस्वी यादव बिहार में मौजूद नहीं है। कभी नीतीश के बेहद करीबी रहे प्रशांत किशोर लगातार यह दावा करते रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री ने भाजपा के साथ ही अपने गठबंधन के द्वार को खुला रखा है। यही कारण है कि उन्होंने अभी भी अपने नेता को राज्यसभा के उपसभापति के तौर पर बनाए रखने के लिए अपनी सहमति दी है।
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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ना सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र में से एक हैं। बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बेहद करीबी माना जाता है। यही कारण है कि इसकी चर्चा को लेकर राजनीति हो रही है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने वापस में ट्रंप कार्ड खेल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी तक कोई खास संदेश भेजने के लिए ही उन्होंने हरिवंश को पटना बुलाया था। पटना पहुंचने पर हरिवंश ने भी किसी से कुछ खास बात नहीं की थी। हरिवंश संसद भवन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए थे। इसके बाद वह जदयू में ही घिर गए थे। हालांकि, नीतीश कुमार और हरिवंश के संबंध बेहद अच्छे रहें हैं।