विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि इस बार जी20 में 200 बैठकें होंगी। इन बैठकों के माध्यम से हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि भारत में आकर बदलाव को देखिए। विश्व के लिए भारत के उत्साह और सकारात्मकता को देखिए। अगर किसी ज़मीन की बात करते हैं तो ये ज़मीन 1962 में चीन ने कब्ज़ा किया था, वे(विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसो हुआ है…अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज़ या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।
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विदेश मंत्री ने राहुल गांधी और चीनी राजदूत के कथित संपर्क पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज़ या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता। एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उसके बारे में सार्वजनिक रूप से बोलना मेरे लिए सही नहीं होगा। यह तकनीकी मामला है, सिंधु जल संधि पर दोनों देशों के सिंधु आयुक्त बात करेंगे। हम उसके बाद ही अपने भविष्य के कदमों पर चर्चा कर सकते हैं।
अगर किसी ज़मीन की बात करते हैं तो ये ज़मीन 1962 में चीन ने कब्ज़ा किया था, वे(विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसो हुआ है…अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज़ या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता: विदेश मंत्री pic.twitter.com/yUNOOEQ89D