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महिलाओं को डर के साये में नहीं रहना चाहिए, महिला बाइक रैली में बोलीं दिल्ली की मुख्यमंत्री Rekha Gupta

नयी दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ताओं और पैरालिंपियन सहित सात महिलाओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने एक दैनिक अखबार की ओर से आयोजित एक महिला बाइक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि महिला बाइक चालक सशक्तीकरण का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, ‘आपने उन लोगों को गलत साबित कर दिया है जो कहते हैं कि महिलाएं कुछ चीजें नहीं कर सकतीं।’
सम्मानित होने वाली सात महिलाओं में जम्मू-कश्मीर की पहली अंतरराष्ट्रीय कार रेसर हुमैरा मुश्ताक, अर्जुन पुरस्कार विजेता पहलवान दिव्या काकरान, घरेलू हिंसा से पीड़ित और समान संघर्ष वाली महिलाओं के लिए गैर सरकारी संगठन की स्थापनाकरने वाली स्वीटी मेहता, मादक पदार्थों के लती लोगों के पुनर्वास के क्षेत्र में व्यापक रूप से काम करने वाली रेखा जिंदल, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को कंप्यूटर सिखाने के लिए खुद को समर्पित करने वाली नलिनी अस्थाना, पैरा एथलीट कंचन लखानी और सामाजिक कार्यकर्ता नीतू चौधरी शामिल थीं।
 

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बाइक रैली रविवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे कॉनॉट प्लेस से शुरू हुई। गुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम 2013 से हर साल आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले दिल्ली में एक बड़ी त्रासदी हुई थी। महिलाओं को डर में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि डर के आगे ही जीत है।’
 

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मुख्यमंत्री ने यह भी याद किया कि वह अपने विश्वविद्यालय के दिनों में काइनेटिक स्कूटर चलाया करती थीं। उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि बाइक रैली महिलाओं के साहस का प्रदर्शन है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। उप राज्यपाल ने कहा, ‘वास्तव में, कुछ क्षेत्रों में वे पुरुषों से आगे निकल रही हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान हमने देखा कि महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक थीं।’

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