राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन नहीं करेंगे और इसके बजाय 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में बदलाव लाने की दिशा में काम करेंगे।
उन्होंने उन अटकलों को खारिज करने की कोशिश की कि कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) उनके नेतृत्व वाले राकांपा के गुट के बिना 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्लान बी पर काम कर रहे हैं।
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरद पवार गुट) विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दल हैं।
शरद पवार ने महाराष्ट्र के बीड जिले में बृहस्पतिवार को होने वाली अपनी जनसभा से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘ प्लान बी (कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी द्वारा मिलकर चुनाव लड़ने की) की खबर गलत है। ऐसी कोई योजना नहीं बनाई जा रही है।
अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान बदलाव की जरूरत है और इसलिए हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। ’’
भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ पुणे में पिछले सप्ताह हुई अपनी मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा,‘‘वह मेरे परिवार के सदस्य हैं। यदि हमारे परिवार में किसी समारोह की योजना बनाई जाती है, तो स्वाभाविक रूप से उस समय मुझसे परामर्श किया जाएगा। ’’
राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। देश में लोगों के बीच फैली अशांति को दूर करने के लिए हमें 2024 में बदलाव लाना होगा। हम इस बदलाव को लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ’’
पुणे में व्यवसायी अतुल चोरडिया के आवास पर 12 अगस्त को राकांपा संस्थापक और अजित पवार के बीच हुई बैठक को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थी।
राकांपा में विभाजन का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा,‘‘जो लोग अतीत में मेरा साथ छोड़ गए, उन्हें दोबारा चुनाव का टिकट नहीं मिला।’’
अजित पवार के गुट वाली राकांपा द्वारा अपनी तस्वीर के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा,‘‘हम इस मुद्दे को लेकर अदालत का रुख करने की तैयारी कर रहे हैं। ’’
शरद पवार ने संकेत दिया कि उनके गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न खोने का खतरा है और उन्होंने इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग को अपना जवाब भेज दिया है।
उन्होंने कहा,‘‘मैंने निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया है। शिवसेना को लेकर जो फैसला आया है, उसे देखते हुए हमारी पार्टी का चुनाव चिह्न (घड़ी) खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। लेकिन, मुझे चुनाव चिह्न की कोई परवाह नहीं है, क्योंकि मैंने बैल की जोड़ी, गाय और बछड़ा जैसे कई चिह्नों पर चुनाव लड़ा है और जीता भी हूं। ’’
अजित पवार के नेतृत्व वाले बागी राकांपा गुट ने निर्वाचन आयोग से संपर्क किया है और पार्टी चुनाव चिह्न घड़ी आवंटित करने की मांग की है। शरद पवार ने मणिपुर के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी मणिपुर में स्थिति को इतना महत्वपूर्ण नहीं मानते हैं कि उस राज्य का दौरा किया जाए।
शरद पवार ने महाराष्ट्र के बीड जिले में बृहस्पतिवार को होने वाली अपनी जनसभा से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार मणिपुर में हो रही घटनाओं पर मूकदर्शक बनी हुई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। चीन की सीमा से लगे इलाकों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।’’
राकांपा प्रमुख ने दावा किया, ‘‘पूर्वोत्तर में जो कुछ हो रहा है और करवाया जा रहा है, वह देश के लिए बेहद खतरनाक है। मणिपुर इसका उदाहरण है।’’
उन्होंने कहा,‘‘मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी संसद के बाहर बोले और तीन मिनट का वीडियो संदेश दिया तथा अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का लंबा जवाब दिया, लेकिन उसमें मणिपुर का संक्षिप्त रूप से उल्लेख किया।’’
पवार ने कहा,‘‘मोदी को पूर्वोत्तर जाकर लोगों को आश्वस्त करना चाहिए, लेकिन उन्होंने इसे जरूरी नहीं समझा। इसके बजाय, उन्होंने मध्य प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करने को प्राथमिकता दी।’’शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी और पूर्व मंत्री नवाब मलिक के साथ अन्याय हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नवाब मलिक से बात की है। बिना किसी कारण के लंबे समय तक जेल में रखकर उनके साथ अन्याय किया गया है।’’
नवाब मलिक धनशोधन के मामले में अंतरिम जमानत पर हैं।