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केरल में ‘कुश्ती’, त्रिपुरा में ‘दोस्ती’: प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर साधा निशाना

त्रिपुरा में कांग्रेस-मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दोनों दल केरल में ‘कुश्ती’ लड़ते हैं और त्रिपुरा में ‘दोस्ती’ करते हैं।
मोदी ने क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए दावा किया कि कई अन्य दल भी परोक्ष रूप से विपक्षी गठबंधन की मदद कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दिया गया हर वोट त्रिपुरा को कई साल पीछे ले जाएगा।

प्रधानमंत्री ने गोमती जिले के राधाकिशोरपुर में एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘कुशासन के पुराने खिलाड़ियों ने ‘चंदा’ के लिए हाथ मिला लिए हैं। केरल में ‘कुश्ती’ लड़ने वालों ने त्रिपुरा में ‘दोस्ती’ की है।’’
माकपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने, हालांकि कहा कि यह मोदी ही हैं जिन्होंने उनसे कहा था कि कैसे वाम सरकार ने राज्य में उग्रवाद को नियंत्रित किया है और किसी अन्य जगह उग्रवाद से लड़ने में उनके (पूर्व मुख्यमंत्री) द्वारा उठाए गए उपायों से प्रेरणा ली।
माणिक सरकार ने यह नहीं बताया कि मोदी ने उनसे कब ऐसा कहा था, लेकिन भाजपा नेता 2014 में प्रधानमंत्री बने थे तब सरकार 1998 और 2018 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री थे।

मोदी ने कहा, ‘‘विपक्ष वोटों को बांटना चाहता है। कुछ छोटी ‘वोट कटवा’ दल अपनी कीमत पाने की आस में चुनाव नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। खरीद-फरोख्त के सपने देखने वालों को अभी से ही घरों में बंद कर दो।’’
इससे पूर्व दिन में मोदी ने धलाई जिले के अंबासा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि वाम मोर्चा और कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने जनजातीय लोगों के बीच विभाजन पैदा किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘ब्रू’ जनजाति सहित अन्य समुदायों की समस्याओं को सुलझाने के लिए काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा देशभर में जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए काम कर रही है। हमने मिजोरम से विस्थापित हुए 37,000 से अधिक ‘ब्रू’ लोगों का त्रिपुरा में पुनर्वास किया है। हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा में आदिवासी ‘कोकबोरोक’ को शामिल किया है।”
मोदी ने कहा कि केंद्रीय बजट में केंद्र की भाजपा सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
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कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “एक वाम शासित राज्य में, बहुत से लोग कोरोना वायरस से पीड़ित हुए और उनकी मौत हो गई, लेकिन त्रिपुरा सुरक्षित था, क्योंकि भाजपा ने लोगों के जीवन की रक्षा के लिए काम किया।’’
मोदी ने लोगों से पूर्वोत्तर राज्य के विकास को जारी रखने के लिए ‘डबल इंजन’ की सरकार को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और वाम दल की दोधारी तलवार से सावधान रहें, वे लोगों को लाभ पहुंचाने वाली सभी योजनाओं को रोकना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वाम दल केवल लोगों को धोखा देना जानते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को उनके वर्षों के कुशासन का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
मोदी ने कहा, ‘‘दोनों दल चाहते हैं कि गरीब, गरीब ही रहें। इन दलों ने कभी भी गरीबों के दर्द को नहीं समझा।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में तीन लाख परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाए गए, जिससे 12 लाख लोग लाभान्वित हुए, जबकि पांच लाख गरीब लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभार्थी बनाया गया और चार लाख घरों में शौचालयों का निर्माण किया गया।’’

उन्होंने कहा कि राज्य का पहला डेंटल कॉलेज भी भाजपा सरकार के शासनकाल में बनाया गया था। उन्होंने कहा कि अकेले गोमती जिले में, लगभग 40,000 किसानों के बैंक खातों में 80 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘माकपा के कार्यकर्ता पुलिस थानों को नियंत्रित किया करते थे, जबकि भाजपा ने राज्य में कानून का शासन स्थापित किया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा को भय के माहौल और ‘चंदे’ की संस्कृति से मुक्त कर दिया है।

मोदी ने राज्य के विकास के लिए अपनी सरकार द्वारा की गई पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति से त्रिपुरा की अर्थव्यवस्था को व्यापक लाभ होगा और यह राज्य जल्द ही दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार बन जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा में शांति का माहौल है और रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पूर्वोत्तर के लिए बजट आवंटन कई गुना बढ़ा दिया है।
इन आरोपों पर माणिक सरकार ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में कानून व्यवस्था खराब थी। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने खुद मुझसे पूछा था कि हम यहां उग्रवाद को कैसे नियंत्रित करते हैं। उन्होंने देश में कहीं और चरमपंथ से लड़ने में हमारे द्वारा उठाए गए कदमों से प्रेरणा लेने के लिए इसके बारे में पूछा भी था।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्तमान में राजनीतिक विरोधियों, मीडिया और आम लोगों पर हमलों की तुलना में माकपा शासन के दौरान कानून व्यवस्था कहीं बेहतर थी।

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