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Prabhasakshi Exclusive: NSA Ajit Doval UAE में जो काम करके आये हैं उसको Xi Jinping मरते दम तक याद रखेंगे

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि एनएसए अजित डोभाल की सऊदी अरब यात्रा का क्या रणनीतिक महत्व है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस यात्रा का महत्व व्हाइट हाउस का बयान देखकर पता लग जाता है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने सऊदी अरब में अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि दोनों नेता इस महीने के अंत में ऑस्ट्रेलिया में क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर फिर से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जनवरी में महत्वाकांक्षी ‘इंडिया यूएस आईसीईटी (इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी)’ संवाद शुरू करने के बाद डोभाल और सुलिवन के बीच यह पहली बैठक है। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस ने बैठक का ब्योरा बताते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत एवं दुनिया के साथ जुड़े हुए समृद्ध एवं अधिक सुरक्षित पश्चिम एशिया के साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के मद्देनजर सऊदी अरब में सात मई को सऊदी के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहनून बिन जायद अल नहयान और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की।’’

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ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने बताया है कि क्राउन प्रिंस ने अबु धाबी के उप शासक शेख तहनून और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल के साथ अलग-अलग बैठक की जिसमें सुलिवन और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया। एसपीए की खबर के अनुसार, बैठक में संबंधित देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई, जिससे कि क्षेत्र के विकास और स्थिरता में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा समाचार संस्था ‘एक्जियोस’, जिसका मुख्यालय वर्जीनिया में है, की खबर के अनुसार अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खाड़ी और अरब देशों को रेलवे के एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने के लिए एक संभावित प्रमुख संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजना पर चर्चा करने वाले हैं जो क्षेत्र में बंदरगाहों से शिपिंग लेन के माध्यम से भारत से भी जुड़ा होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह परियोजना उन प्रमुख पहलों में से एक है जिसे अमेरिका पश्चिम एशिया में आगे बढ़ाना चाहता है क्योंकि इस क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। पश्चिम एशिया में चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) उसके इसी दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा 2013 में शुरू की गई परियोजना बीआरआई विकास और निवेश पहलों की परियोजना है, जिसमें भौतिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से पूर्वी एशिया और यूरोप को जोड़ने की योजना बनाई गई है, जिससे दुनिया भर में चीन के आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव में काफी वृद्धि हुई है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि यह परियोजना इस यात्रा के दौरान चर्चा वाले कई विषयों में से एक होगी।

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