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वर्ष 2023 : जोशीमठ भू-धंसाव, सिलक्यारा सुरंग हादसे ने उत्तराखंड को सुर्खियों में रखा

जोशीमठ भू-धंसाव से लेकर सिलक्यारा सुरंग हादसे जैसी कई आपदाओं ने इस वर्ष उत्तराखंड को सुर्खियों में बनाए रखा वहीं समान नागरिक संहिता के साथ ही मूल निवास और सख्त भूमि कानून मुद्दे भी चर्चा के केंद्र में बने रहे।
साल की शुरूआत में ही बदरीनाथ धाम के रास्ते में पड़ने वाले जोशीमठ नगर और उसके आसपास भूमि धंसने लगी जिससे सैकड़ों मकानों तथा अन्य इमारतों में दरारें पड़ गयीं। मानसून में प्रदेश में हुई बारिश के चलते बादल फटने तथा भूस्खलन की घटनाओं में कई लोग हताहत हुए और कुछ लापता भी हो गए जबकि हरिद्वार में कई गांव जलमग्न हो गए और फसलें तबाह हो गयीं।
उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति करीब साल भर से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून का मसौदा तैयार करने में लगी है और अब उसके जल्द ही राज्य सरकार को मसौदा सौंपने की संभावना है।

समिति का कार्यकाल चौथी बार बढ़ाने के बाद, उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने इस साल उसके द्वारा अब तक किए गए कार्य को अपनी मंजूरी दे दी।
इसी साल दीपावली वाले दिन 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने से फंसे 41 लोगों को बाहर निकालने के लिए 17 दिन तक चले अभियान ने विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन को एक बार फिर चर्चा में ला दिया।
करीब साढ़े चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग चारधाम परियोजना का हिस्सा है और इससे उत्तराखंड के प्रसिद्ध धामों की दूरी कम हो जाएगी।
केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद से सफल हुए मिशन सिलक्यारा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि प्रदेश की सभी सुरंग परियोजनाओं का सुरक्षा आडिट किया जाएगा।
जनवरी में जोशीमठ में हुए भू-धंसाव ने भी इसी प्रकार की बहस छेड़ दी थी जब मकानों में दरारें आने के कारण करीब 1,000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था।

भू-धंसाव के कारण एक दूसरे पर झुक गए दो होटलों समेत खतरनाक हो गए कई इमारतों को ध्वस्त करना पड़ा।
केंद्रीय स्तर की कुल आठ एजेंसियों ने अलग—अलग कोणों से जोशीमठ भू-धंसाव की जांच की। विशेषज्ञों ने नगर के ढीली चटटानों पर स्थित होने, बहुमंजिला इमारतों का निर्माण तथा उपर की पहाड़ियों से आने वाले पानी की निकासी सही तरीके से नहीं होने को भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार बताया।
राज्य सरकार ने कहा कि वह प्रदेश के एक दर्जन से अधिक नगरों की धारण क्षमता जानने के लिए एक अध्ययन करवाएगी।
उत्तरकाशी के पुरोला शहर में जून में उस समय सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया जब एक समुदाय के दो व्यक्तियों ने कथित तौर पर दूसरे समुदाय की एक नाबालिग लड़की के अपहरण का नाकाम प्रयास किया।

पिछले साल एक के बाद एक कई भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के बाद राज्य सरकार ने इस वर्ष एक कड़ा कानून बनाया जिसके तहत मामले में लिप्त पाए जाने वालों के लिए उम्रकैद से लेकर 10 करोड़ रुपये जुर्माना तक का प्रावधान किया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष दिसंबर महीने में वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें औद्योगिक समूहों के साथ साढ़े तीन लाख करोड़ रूपये के निवेश समझौता ज्ञापनों पर दस्तखत किए जाने का दावा किया गया।
सम्मेलन के उद्घाटन के लिए देहरादून आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड को एक आदर्श गंतव्य के तौर पर पेश करने के लिए मेक इन इंडिया की तर्ज पर वेड इन इंडिया का नारा दिया।
उत्तराखंड में मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए 1950 को ‘कट आफ’ माने जाने तथा प्रदेश में कड़े भूमि कानून को लागू करने का मुद्दा भी इस साल सुर्खियों में रहा।

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