विपक्षी दलों की बैठक से पहले माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वाम दल एवं कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियां राज्य में भाजपा और टीएमसी दोनों का मुकाबला करेंगी।
विपक्षी दलों की बैठक के आयोजन स्थल पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने 2004 में हुए चुनाव के बाद बने गठबंधन का उल्लेख किया।
येचुरी ने कहा, ‘‘हर राज्य में स्थिति अलग है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि मतों के विभाजन से भाजपा को मिलने वाला लाभ कम से कम होना चाहिए।
यह कोई नई बात नहीं है। 2004 में वाम दलों के 61 लोकसभा सदस्य थे और इनमें से 57 ने कांग्रेस उम्मीदवारों को हराया था…उस समय मनमोहन सिंह के नेतृत्व में (संप्रग) सरकार बनी और 10 साल चली।’’उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी और माकपा का गठबंधन नहीं होगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियां, भाजपा और टीएमसी दोनों के खिलाफ लड़ेंगी।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र में यह क्या स्वरूप लेगा, उस बारे में बाद में निर्णय किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 2004 में केंद्र में सरकार गठित करने के लिए जो राह अपनाई गई थी, वैसा ही किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी और माकपा आमने-सामने हैं। दोनों दलों के शीर्ष नेता यहां विपक्षी दलों की बैठक में भाग ले रहे हैं।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के सोमवार से बेंगलुरु में दो दिवसीय मंथन सत्र में भाग लेने की संभावना है। यहां विपक्षी दल न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम शुरू कर सकते हैं और वे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए संयुक्त अभियान शुरु करने की घोषणा कर सकते हैं।