उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि योग भारतीय मनीषा की तरफ से विश्व मानवता के कल्याण के लिए दिया गया एक उपहार है।
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी।
महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं।
आदित्यनाथ ने कहा किदुनिया में पिछले तीन-साढ़े तीन साल में जिस महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आई थी, उस कोरोना कालखंड में भी दुनिया के अंदर सर्वाधिक मांग भारतीय आयुष पद्धति की हो रही थी तथा सभी ने माना कि भारतीय आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान कर सकती है।
उन्होंने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा से प्राप्त यह ऐसी विधा है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की भारतीय मनीषा की परंपरा योग हम सबकी विरासत का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
हजारों वर्षों से जिस योग को हम अपने जीवन का हिस्सा मानते रहे हैं, वह आज वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है।’’मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘हमारी परंपरा शरीर को धर्म का साधन मानती है। शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्। किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति हो, चाहे वह नौकरशाह हो, उद्योगपति हो या फिर किसान-मजदूर, अपना कार्य अच्छे से तभी कर पाएगा जब उसका शरीर स्वस्थ होगा। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क भी आवश्यक है।’’
मुख्यमंत्रीने सभी लोगों से अपील की कि योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।