लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में लगातार खराब होते माहौल और उसको रोकने में पुलिस प्रशासन की नाकामी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ब्यूरोक्रेसी और पुलिस प्रशासन से काफी नाराज बताये जा रहे हैं। योगी की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह है उन्हें लगता है कि बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान कई जिलों में अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की घटनाएं हुई उसे जल्द कार्रवाई करके रोका जा सकता था। इसी से नाराज पुलिस के हाकिम डीजीपी प्रशांत कुमार ने बहराइच समेत आधा दर्जन से अधिक जिलों में हुई घटनाओं को लेकर संबंधित एडीजी जोन से जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा था। सूत्रों के मुताबिक तीनों एडीजी जोन ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
सूत्रों की मानें तो बहराइच में सीओ महसी रूपेंद्र कुमार गौड को निलंबित करने के बाद कुछ अन्य अफसर भी जांच के दायरे में हैं। इसी तरह कौशांबी, देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर आदि में हुई घटनाओं की रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन कर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया जा रहा है। बता दें कि बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद एडीजी जोन गोरखपुर केएस प्रताप कुमार और आईजी रेंज देवीपाटन अमरेंद्र प्रताप सिंह को भेजा गया था, इसके बावजूद हालात काबू में नहीं आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश को बहराइच भेजा, जिसके बाद उपद्रवियों पर काबू पाया जा सका।
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सबसे बड़ी बात यह रही कि अधिकतर घटनाएं गोरखपुर जोन में हुई हैं, जिसे योगी का सियासी क्षेत्र माना जाता है, जिसकी वजह से कई अधिकारी जांच के दायरे में आ चुके हैं। इसी तरह कौशांबी में एडीजी जोन प्रयागराज भानु भास्कर को मौके पर जाकर मोर्चा संभालना पड़ा था। अचानक कई जिलों में हुए बवाल के बाद डीजीपी ने सभी जिलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। साथ ही, सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने को भी कहा है।