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लखनऊ। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश की योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सीएम योगी के निर्देश पर परिवहन निगम के चालकों के एडवांस प्रशिक्षण से लेकर आम लोगों की रोड पर गतिविधियों को देखते हुए रोडवेज चालकों को और अधिक सावधानी बरतने और अलर्ट रहने को कहा गया है। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने और इसमें कमी लाने के लिए सरकार की ओर से केंद्रीकृत साफ्टवेयर के माध्यम से त्वरित समीक्षा करते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
अचानक टकराने से होती हैं सर्वाधिक दुघटनाएं
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कानपुर स्थित प्रशिक्षण संस्थान में प्रदेश में होने वाली दुर्घटनाओं की समीक्षा में पाया गया कि 35.15 प्रतिशत दुर्घटनाएं, मोटर साइकिल, साइकिल, पैदल व्यक्ति, जानवर आदि के अचानक आकर टकराने से, 18.63 प्रतिशत दुर्घटनाएं पीछे से टकराने से, 18.41 प्रतिशत दुर्घटनाएं दाहिनें-बाएं मुड़ने, गलत लेन पर चलने, असुरक्षित लेन परिवर्तन, लापरवाहीपूर्वक चलने, खतरनाक ड्राइविंग, अनुचित मोड़, ट्रैफिक सिगनल से, 17.25 प्रतिशत दुर्घटनाएं आमने-सामने टकराने से होती हैं। समीक्षा में यह भी पाया गया कि 41.14 प्रतिशत दुर्घटनाएं सुबह 06ः00 बजे से लेकर दोपहर 03ः00 बजे तक तथा 17.61 प्रतिशत दुर्घटनाएं दिन में 12ः00 बजे से 03ः00 बजे के बीच होती हैं। परिवहन निगम द्वारा दुर्घटनाओं की त्वरित जानकारी हेतु आईआरएस (Incident Reporting System) बनाया गया है। जनवरी, 2022 से जुलाई 2023 तक (19 माह) में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की प्रशिक्षण संस्थान द्वारा समीक्षा की गई, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण चिन्हित किए गए।
दुर्घटनाओं की हो तुरंत समीक्षा
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निगम बसों के सभी चालकों को और अधिक प्रशिक्षित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन कारणों से स्पष्ट है कि चालकों को मोटर साइकिल, साइकिल, पैदल व्यक्ति एवं जानवर की गतिविधियों को भांपते हुए सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की आवश्यकता है, जिससे कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोका जा सके और इसमें कमी लाई जा सके। परिवहन मंत्री ने आईआरएस व्हाट्सअप ग्रुप पर आने वाली दुर्घटनाओं की जानकारी को साफ्टवेयर के माध्यम से त्वरित समीक्षा करने के निर्देश दिए। इसके लिए केंद्रीयकृत साफ्टवेयर भी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु इससे बेहतर प्लानिंग करने में मदद मिलेगी।