छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने राजधानी रायपुर में ईडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
अधिकारियों के मुताबिक ईडी ने कोयला लेवी मामले में चल रही जांच के तहत सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं के परिसरों समेत छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक कांग्रेस पार्टी का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। इससे पहले ईडी के छापे ने यहां राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।
ईडी की कार्रवाई के विरोध में आज शाम भारतीय युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की राज्य इकाइयों के नेता और कार्यकर्ता पचपेड़ी नाका क्षेत्र में ईडी कार्यालय के सामने पहुंचे और भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदर्शन के दौरान कार्यालय के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। सोशल मीडिया में जारी वीडियो में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मामूली हाथापाई भी देखी जा सकती है।
प्रदर्शन में शामिल एनएसयूआई की रायपुर जिला इकाई के प्रमुख शांतनु झा ने कहा कि अडानी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय ईडी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायकों और नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने आज छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, विधायक चंद्रदेव प्रसाद राय, देवेंद्र यादव, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह, पार्टी के नेता विनोद तिवारी समेत अन्य नेताओं के परिसरों में छापे की कार्रवाई की है।
छापे के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने अग्रवाल के आवास के बाहर ईडी के खिलाफ धरना दिया। वहीं विधायक यादव के समर्थकों ने भिलाई स्थित उनके परिसर के बाहर केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई का विरोध किया और छापे के दौरान हवन भी किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर छापेमारी को राजनीति से प्रेरित कदम बताया है और कहा है भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से डरती है और राजनीतिक विरोधियों की आवाज को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बघेल के आरोपों को लेकर कहा है कि ईडी भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती रही है और इसका किसी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
सिंह ने कहा, कांग्रेस सरकार पिछले चार वर्षों से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। प्रदेश का बच्चा-बच्चा भी जानता है कि कोयले की ढुलाई में प्रति टन 25 रुपए वसूले जा रहे हैं। इसकी जांच के बाद से ईडी भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। कार्रवाई का भाजपा या कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी उन लोगों की जांच कर रहा है जो वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित कोयला लेवी घोटाले के लाभार्थी रहे हैं।
ईडी ने कहा है यह जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े समूह के द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी।
इस मामले में अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी चौरसिया, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।