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हिमाचल के युवाओं ने बताया किसे देंगे पहला वोट, नौकरियों और शिक्षा पर जोर

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पहली बार वोट डालने के पात्र युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नौकरियों के अवसर और महिलाओं की सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकताएं हैं। इनमें से कुछ लोगों की नजर में यह चुनाव “भाजपा की तानाशाही” और “अस्थिर गठबंधन” ‘इंडिया’ के बीच है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.70 लाख से अधिक युवा पहली बार मतदान करेंगे। लोकसभा की चार सीट पर चुनाव के साथ ही छह विधानसभा क्षेत्रों में एक जून को उपचुनाव होगा। पहली बार मतदाता बनीं सोलन निवासी रिया का कहना है कि मुफ्त सुविधाएं देकर मतदाताओं को खुश करने की सरकारों की नीतियां बंद होनी चाहिए। 
उन्होंने कहा, “कर-भुगतान करने वाले मध्यम वर्ग को मुफ्त की वस्तुओं का बोझ उठाना पड़ता है और विकास परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले धन को इनमें लगाया जाता है।” पहली बार मतदान करने को तैयार नीतीश ने कहा, “मैं तानाशाही और गठबंधन के बीच चयन करने को लेकर दुविधा में हूं।” तानाशाही से उनका इशारा नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर था जबकि गठबंधन शब्द उन्होंने ‘इंडिया’ के लिए कहा। नीतीश ने कहा, “मैं चाहता हूं कि मेरी आवाज सुनी जाए और राजनीति में सकारात्मक बदलाव आए।” 
कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन में आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, शिव सेना (यूबीटी) और तृणमूल कांग्रेस समेत 26 दल हैं। कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्र रोहित ने कहा, “भाजपा सरकार अहंकारी हो गई है, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है और मोदी को वोट देने का मतलब तानाशाही सरकार का समर्थन करना होगा। दूसरी ओर ‘इंडिया’ गठबंधन को वोट देने पर अस्थिर सरकार बनने की आशंका है, जो देश के लिए सही नहीं होगा।” 
 

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भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पिछले दस वर्ष के प्रदर्शन पर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं और कुछ ने सरकार के कार्यकाल की सराहना की वहीं कुछ ने कामकाज की आलोचना की। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय संजौली में पत्रकारिता की छात्रा अंशुल ठाकुर ने कहा कि वह अपना पहला वोट डालने को लेकर उत्साहित हैं। ठाकुर ने कहा कि वह ऐसी पार्टी को वोट देगी जो सरकारी और निजी क्षेत्रों में बेहतर नौकरियों के अवसर लाए और महिला सुरक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हो।

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