चाय बेचते बेचते बने गायक, अपनी कला से जीत लेते हैं लोगों का दिल बलिया. गजलों का हुनर अपनी आंखों को सिखाएंगे. रोएंगे बहुत लेकिन आंसू नहीं दिखाएंगे. सोशल मीडिया के इस जमाने में रातों-रात अपने हुनर के बल पर तमाम लोगों को अलग पहचान मिलती रहती है. जी हां हम बात कर रहे है. बलिया के विजय लाल की जो फिलहाल में 55 वर्ष की उम्र में अपने हुनर के दम पर तहलका मचा रखा है.
विजय लाल ने कहा कि मैं अपने परिवार के भरण पोषण के लिए एक चाय की दुकान खोली थी. जो बकाए का शिकार होकर बंद हो गई. उसके बाद मैंने गाना गाने कि कला को बाहर निकाला और और घूम-घूम कर लोगों के बीच गाने लगा. अगर कुछ मिल जाता है तो ठीक नहीं तो मैं किसी से मांगता भी नहीं हूं. ऊपर वाले की कृपा से दो वक्त की रोटी मिल जाती है.
विजय लाल के जीवन में संघर्ष से रहा गहरा नता, पत्नी करती है सिलाई जिले के रसड़ा क्षेत्र के रहने वाले विजय लाल (55 वर्ष) बहुत गरीब घर के रहने वाले हैं. इनकी बीवी सिलाई का काम करती है और तीन बच्चे हैं जो पढ़ाई करते हैं. सबसे पहले जब स्थिति काफी दयनीय हो गई तो किसी प्रकार से एक छोटी सी चाय की दुकान खोली.
दरअसल यह किसी से मांगना नहीं चाहते थे और लोग चाय पीकर बकाया लगाना शुरू कर दिए. धीरे-धीरे इनकी दुकान बकाया धनराशि की शिकार होकर बंद हो गई और पूंजी डूब गई. मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और कुमार सानू के गाने के हैं दीवाने यह शुरू से ही अश्लील गानों से दूर रहते थे.
मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और कुमार सानू जैसे सुप्रसिद्ध गायकों के गाने को बढ़ावा देते थे. खास तौर से यह मोहम्मद रफी को ज्यादा पसंद करते हैं. अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए इन्होंने इस तरीके को आजमाया और जिले के हर कोने-कोने में जाकर लोगों के बीच गाना सुनाते हैं. अगर लोग खुश होकर कुछ दे दिए तो ठीक नहीं तो वहां से निकल जाते हैं. अब तो यह जिले में इतना मशहूर हो गए हैं कि इनको लोग मोहम्मद रफी के नाम से बुलाते हैं.