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सेंगर बंस के कुलगुरू 1008 श्री नाथ बाबा जी के रोट पूजन और लाठी पूजन

उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के रसड़ा क्षेत्र में लगभग 200 वर्षों से प्रत्येक वर्ष होने वाले सेंगर वंशीय ठाकुरों के रोट पूजन समारोह का जनपद ही नही आसपास के जनपद के लोगो को भी इंतजार रहता है ।

यह पहला औ अनोखा पूजनोत्सव होता है जिसमे लाखों लाठियों के टकराने के बाद निकलने वाली तड़तड़ाहट की जितनी आवाज निकलती है, उतने जोर से जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजयमान हो उठता है ।

बता दे कि बलिया जिला मुख्यालय से लगभग 50  किलोमीटर दूर रसड़ा तहसील क्षेत्र स्थित नगपुरा टीकादेवरी  श्रीनाथ मन्दिर पर मंगलवार को आयोजित ऐतिहासिक रोटपूजन समारोह में  लाखों भक्तों के जयघोष व गगन भेदी जयकारों के साथ लाठियों की तड़तड़ाहट के बीच रोट पूजा सकुशल व शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई ।इस दौरान लाख से अधिक श्रीनाथ भक्त श्रद्धालुओं के समवेत पूजन से साम्प्रदायिक सद्भाव की अनुपम मिशाल देखने को मिली ।

क्या है परंपरा

परम्पराओं के अनुसार सर्वप्रथम  सबेरे श्रीनाथ बाबा के समकालीन नगपुरा टीकादेवरी सूफी संत रोशन बाबा के दरगाह के साथ साथ रसड़ा नागपुर, पटना, खेजूरीटिकादेवरी नगपुरा, स्थित सभी मठों पर विधि विधान से पूजा करके रोट चढाया  जाता हैजो इस साल भी परम्परा के अनुसार ही सम्पन्न हुआ ।

श्रद्धा सद्भाव व शौर्य का प्रतीक श्रीनाथ बाबा का ऐतिहासिक रोट पूजन (लाठी पूजा )आज दिनांक 14.6.2022 को आयोजन श्री नाथ बाबा मन्दिर नगपुरा (टिकादेवरी ) में हुआ है इसमें करीब एक लाख श्रद्धालुओं शामिल हुवे है ! इस रोट पूजा में करीब 300 कुंतल से अधिक रोट (प्रसाद )बननें का काम 28मई से चल रहा था !

इसमें कई राज्यों के लोग व नेता भी हुवे शामिल l और यह पूजा बड़ी इस पूजा की तैयारी जोरो सोरो से चल रही थी /आयोजक मण्डल सुनील सिंह, राम गोबिंद सिंह नें बताया की प्रसाद को तैयार करने में 150 कुंतल आटा, 150 कुंतल घी 75 कुंतल चीनी व किसमिस का प्रयोग किया गया है
और बताये की इस पूजा में 14 कोस लखनेश्वर क्षेत्र के लोग अपने घरों से लाठी लेकर पुजा में समर्पित होते हैं ।

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