रसड़ा की ऐतिहासिक रामलीला में छठवें दिन सूर्पणखा के नाक-कान काटने एवं खरदूषण वध का सजीव मंचन किया गया। पंचवटी वन में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण एवम माता जानकी को देख लंकापति रावण की बहन राक्षसी सूर्पणखा सुन्दर स्त्री का वेश धारण कर पहुंचती है। वहां लक्ष्मण ने तलवार से उसके नाक-कान काट दिये। सूर्पणखा रोते-बिलखती लंकापति रावण के दरबार में जाकर अपने भाई रावण को पूरी कहानी सुनाती है।
आक्रोशित रावण खरदूषण को भेजता है जहां दोनों तरफ से भीषण युद्ध होता है और अंततः खरदूषण का वध हो जाता है। इस लीला को देखने के लिये देर सांय तक हजारो श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी रही।