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Chennai Tourist Places: समृद्ध संस्कृति, इतिहास और पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है चेन्नई शहर

चेन्नई को हिन्द महासागर के किनारे स्थित होने के कारण ‘गोल्डन सिटी ऑफ साउथ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है। चेन्नई भारत के मुख्य अर्थव्यवस्था केंद्रों में से एक है और उच्च शिक्षा, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के क्षेत्र में भी इस शहर का एक महत्वपूर्ण स्थान है। चेन्नई में दक्षिण भारत की संस्कृति और विरासत को दर्शाने वाले कई मंदिर भी हैं। यह शहर समृद्ध संस्कृति, इतिहास और पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है। चेन्नई के आकर्षणों में से कुछ निम्नलिखित हैं-
मरीना बीच
चेन्नई का मरीना बीच दक्षिण भारत का सबसे बड़ा बीच है। इसे स्पेनिश भूखण्ड के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बीच भी कहा जाता है। इस बीच का आकर्षण उसकी सुंदरता है, जहाँ आप समुद्र तट से खुली हवा में साँस लेने का मजा ले सकते हैं। यहाँ पर लोग सैर, मछलियों का शिकार और विश्राम करते हैं।
कपिलेश्वर मंदिर
चेन्नई का कपिलेश्वर मंदिर उत्तर भारत के भव्यतम मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसकी स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी। इस मंदिर की बनावट अद्भुत है।

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अन्य पर्यटन स्थल
चेन्नई के अन्य पर्यटन स्थलों में मद्रास विश्वविद्यालय, चेपॉक महल, मत्स्य पालन केन्द्र, पार्थसारथी का मंदिर, अजायबघर और चिड़ियाघर और सेंट जॉर्ज फोर्ट प्रमुख हैं। यह किला अंग्रेजों के जमाने में ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक केंद्र था। इसमें पुरानी सैनिक छावनी, अधिकारियों के मकान, सेंट मेरी गिरजाघर और रॉबर्ट क्लाइव का घर है। सेंट मेरी गिरजाघर को अंग्रेजों द्वारा भारत में बनवाया गया सबसे पुराना चर्च माना जाता है।
स्नेक पार्क
चेन्नई का स्नेक पार्क भी पर्यटकों को प्रभावित करता है। यह पाँच सौ से भी ज्यादा खतरनाक भारतीय साँपों का जीवित संग्रहालय कहा जा सकता है। रेंगते हुए ये सांप भय मिश्रित रोमांच पैदा करते हैं। यहाँ पर साँपों के अलावा सरीसृप वर्ग के अन्य जीव जैसे मगरमच्छ, घड़ियाल इत्यादि भी रखे गए हैं।
अन्य प्रमुख मंदिर
दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिर भी यहां के दर्शनीय स्थल हैं। उत्तर भारत के मंदिरों से बनावट में एकदम अलग इन मंदिरों की शिल्पकला और भव्यता हर किसी को आकर्षित करती है। खासतौर पर चेन्नई के पार्थसारथी मंदिर के बारे में उल्लेख मिलता है कि इसका निर्माण आठवीं शताब्दी में राजा पल्लव ने करवाया था। इसके अलावा द्रविड़ शिल्पकला का एक और अनूठा उदाहरण मिलापोर स्थित कालीश्वर मंदिर है। यहाँ माता पार्वती की उपासना की गाथा अंकित है।

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