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बिहार की इस प्रसिद्ध जगह पर पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जानें कैसे पहुंचे?

सनातन धर्म में हर एक चीज का विशेष महत्व है। पितृपक्ष की शुरुआत हो चुका है। हिदू धर्म में श्राद्ध कार्य का विशेष महत्व माना जाता है। पितृपक्ष के शुभ मौके पर पिंडदान करना काफी शुभ कार्य होता है। हिंदू पौराणिक कथा और कहानियों में भी पिंडदान के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि अगर कोई पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करता है, तो पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल श्राद्ध कार्य यानी पिंडदान 17 सिंतबर से लेकर 2 अक्टूबर तक चलने वाले हैं। इस दौरान कई लोग देश की पवित्र जगहों पर पिंडदान के लिए जरुर जाते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे बिहार में स्थित बोधगया, जो देश की ऐसी जगह है जहां श्राद्ध पक्ष के मौके पर लाखों लोग पिंडदान करने के लिए पहुंचते हैं। आप भी 2 दिन की ट्रिप पर बोधगया जा सकते हैं। 
बोध गया पिंड दान का महत्व
बोधगया पिंडदान के लिए सबसे प्रसिद्ध जगह है। इस पवित्र जगह के बारे में बताया गया है कि यहां फल्गु नदी के किनारे पिंडदान करने की कथा रामायाण और महाभारत में भी है। 
पौराणिक मान्यता के अनुसार, बोधगया में स्वयं विष्णु पितृ देवता के रुप में मौजूद हैं। माना जाता है जो व्यक्ति यहां पर पिंडदान करता है, तो उसकी सात पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है। बोधगया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से बोधगया में श्राद्ध पक्ष के मौके पर लाखों लोग पिंडदान करते हैं।
बोधगया कैसे पहुंचे?
अगर आप बोधगया में पिंडदान करना चाहते हैं, तो आप यहां कैसे जा सकते हैं, चलिए आपको बताते हैं।
-हवाई यात्रा – बोधगया आप हवाई यात्रा से जाना चाहते हैं, तो सबसे पास पटना हवाई अड्डा है। पटना पहुंचने के बाद आप टैक्सी, कैब या लोकल बस लेकर आसानी से बोधगया पहुंच सकते हैं, जो 116 किमी दूर है।
-ट्रेन से – अगर आप बोधगया ट्रेन से जाना चाहते हैं तो आप दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई इत्यादि से देश के लिए कई प्रमुख ट्रेन चलती रहती है। यहां आप पहुंचने के बाद टैक्सी, कैब या लोकल बस लेकर जा सकते हैं।
– सड़क मार्ग से – बोधगया जाने के लिए हर शहर से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है। ऐसे में बिहार के किसी भी शहर से बस या अपनी गाड़ी से जा सकते हैं।
बोधगया घूमने की बेहतरीन जगहें
अगर आप बोधगया जा रहे हैं तो आसपास किन जगहों पर जा सकते हैं। आइए जानते है। आप पहले दिन पिंडदान करने के बाद दूसरे दिन कई जगहों पर घूमने जा सकते हैं। आप यहां पर बोधि वृक्ष, चीनी मंदिर, रॉयल भूटान मठ, थाई मठ और मेट्टा बुद्धराम मंदिर जैसी शानदार और चर्चित जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। शाम के वक्त आप फल्गू नदी के किनारे सुकून भरे पल बिता सकते हैं।

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