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Travel Tips: वीकेंड पर भी बना सकते हैं अमृतसर घूमने का प्लान, जरूर एक्सप्लोर करें ये Places

पंजाब का अमृतसर शहर जितना अधिक खूबसूरत है, उससे ज्यादा खूबसूरत यहां के टूरिस्ट स्पॉट हैं। अमृतसर के टूरिस्ट स्पॉट को देखने के लिए आप किसी भी मौसम में जा सकते हैं। बता दें कि दूर-दूर से पर्यटक अमृतसर शहर की खूबसूरती देखने के लिए यहां पहुंचते हैं। वहीं अमृतसर के गोल्डन टेम्पल की खूबसूरती के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। ऐसे में अगर आप भी अमृतसर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। बता दें कि इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अमृतसर के कुछ फेमस डेस्टिनेशन के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर आप वीकेंड पर भी जा सकते हैं। 
 
गोल्डन टेम्पल
स्वर्ण मंदिर अमृतसर शहर के सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर का पूरा नाम हरमिंदर साहब है। लेकिन लोग इसे स्वर्ण मंदिर या फिर गोल्डन टेम्पल के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर शहर के बीचोबीच स्थित है। स्वर्ण मंदिर को देखने के लिए हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक अमृतसर पहुंचते हैं। बता दें कि यह गोल्डन टेम्पल सिक्खों का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र है।

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जलियांवाला बाग
गुलाम भारत के इतिहास में एक खूनी दास्तां जलियावाला बाग से जुड़ी है। जिसमें अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचार और नरसंहार की दर्दनाक तस्वीर दिखाता है। 13 अप्रैल 1919 का वह काला दिन था, जब जनरल डायर ने हजारों की संख्या में निर्दोष भारतीयों पर गोली बरसाई थीं। जलियावाला बाग में बच्चों, बूढ़ों, महिलाओं और नौजवानों की लाशों का ढेर लग गया था। आज भी यहां पर गोलियों के निशान हैं। वहीं कुछ अपनी जान बचाने के लिए कुएं में कूद गए थे। आज भी वह कुंआ यहां पर मौजूद है।
राम तीर्थ मंदिर
अमृतसर का श्रीराम तीर्थ मंदिर भगवान श्रीराम और माता सीता को समर्पित है। मान्यता के मुताबिक जब भगवान राम ने माता सीता का परित्याग किया था। तब गुरु वाल्मीकि जी ने माता सीता को इस स्थान पर अपने आश्रम में आश्रय दिया था। यहीं पर माता सीता ने लव-कुश को जन्म दिया था। वाल्मीकि जी ने इसी आश्रम में लव-कुश को शस्त्र चलाने की शिक्षा दी थी। बताया जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ने यहीं पर रामायण की रचना की थी। राम तीर्थ मंदिर में वाल्मीकि की 8 फीट ऊंची गोल्ड प्लेटेड प्रतिमा की स्थापित है। इस मंदिर में आकर लोग ईंटों के छोटे-छोटे घर बनाकर अपनी मन्नत मांगते हैं। 
बाघा बॉर्डर
भारत-पाकिस्तान बार्डर पर एकमात्र सड़क सीमा रेखा बाघा बॉर्डर है। इस सीमा चौकी के प्रवेश द्वार को स्वर्ण जयंती गेट कहा जाता है। बाघा बॉर्डर पर होने वाली परेड हर भारतीय को गर्व का एहसास कराती है। बता दें कि इस परेड में भारत-पाकिस्तान के जवान शामिल होते हैं। भारत और पाक के सैनिकों के बीच एक सेरेमनी होती है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
गोबिंदगढ़ किला
गोबिंदगढ़ किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में महाराजा गुज्जर सिंह भंगी ने करवाया था। यह किला काफी ज्यादा फेमस है और हेरीटेज है। यहां पर आपको कई ऐतिहासिक चीजें देखने को मिलेंगी। ऐसे में अगर आपको भी ऐतिहासिक चीजों को देखने का शौक है, तो यह जगह आपको निराश नहीं करेगी।

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