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पहाड़ों और हसीन वादियों के नजारे देखने हैं तो आप रानीखेत घूमने चले जाए। रानीखेत भारत उत्तराखंड के स कुमाऊं क्षेत्र में बसा एक सुंदर पहाड़ी शहर है। मनोरम दृश्य के लिए जाना जाने वाला रानीखेत में खूबसबरत पहाडों, हरे-भरे जंगलों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से सैलानियों को अपनी ओर आर्कषित करती है। अगर आप शांत और सुकून भरा पहाड़ी जीवन को काफी करीब से देखना चाहते हैं, तो आपके लिए रानीखेत सबसे बेस्ट है। चलिए आपको बताते हैं यहां कैसे पहुंचे।
रानीखेत कैसे पहुंचे
रानीखेत हिल स्टेशन दिल्ली-एनसीआर से सबसे नजदीक है। यहां अपने पर्सनल गाड़ी से भी जा सकते हैं। बता दें, दिल्ली और रानीखेत के बीच की दूरी लगभग 350 किमी है और लगभग 10 घंटे लगते हैं। बता दें कि, गढ़वाल, कुमाऊं, दिल्ली और शेष उत्तर भारत के सभी मुख्य स्थानों से रानीखेत के लिए टैक्सियां आराम से मिल जाता है। अगर आपको कोई डायरेक्ट बस न मिले, तो आप काठगोदाम या अल्मोड़ा होते हुए रानीखेत पहुंच सकते हैं।
रानीखेत में मौजूद हैं कई प्राचीन मंदिर
रानीखेत में कई प्राचीन मंदिर आपको देखने को मिल जाएंगे। जो इतिहास और आध्यात्मिकता से भरपूर हैं। प्रतिष्ठित झूला देवी मंदिर हैं। ये मंदिर अनूठी घंटी और सुंदर परिवेश के लिए जाना जाता है। यहां आप हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित काली देवी मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं।
भालू डैम जरुर घूमने जाएं
रानीखेत में आप चौबटिया गार्डन घूमने भी जा सकते हैं। इसके बाद आप भालू डैम देखने जरुर जाएं। कहा जाता है कि ये डैम 120 साल से भी ज्यादा पुराना है। बता दें कि 1903 में अंग्रेजों ने भालू डैम की स्थापनी की थी। भालू डैम चौबटिया गार्डन से लगभग 3 किमी और रानीखेत से 11 किमी दूरी स्थित है। यहां जब आप आएंगे, तो घने जंगलों के बीच होकर गुजरना पड़ता है। इस डैम को देखने के लिए कोई टिकट नहीं लगता। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।