Gorakhpur News: गोरखपुर में ठंड दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है. जिसके साथ अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. बढ़ते ठंड से कोल्ड डायरिया का भी खतरा बढ़ गया है. सर्दियों का मौसम और इस समय चल रहे. शादी विवाह में गलत खानपान से बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा कोल्ड डायरिया के शिकार हो रहे हैं.
शहर के जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और संक्रमण अस्पताल में कोल्ड डायरिया से पीड़ित मरीज अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की मानें तो कोल्ड डायरियाा को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है नहीं तो यह गंभीर रूप भी ले सकता है. मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि कोल्ड डायरिया के मरीज इस समय ज्यादा आ रहे हैं और इसमें अधिकतर मरीज हालत खराब होने के बाद अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन अक्सर ऐसे केस में पहले लोग झोला छाप डॉक्टर के सहारे या फिर खुद मेडिकल स्टोर से दवा लेकर अपना इलाज करने की कोशिश करते हैं. और जब मामला बिगड़ जाता है तो अस्पताल आते हैं.
विशेषज्ञ डॉ आरएन सिंह की मानें तो बच्चों में दस्त अधिक होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है और छोटे बच्चे अपनी समस्या को बता भी नहीं पाते हैं और कोल्ड डायरिया में समय से इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. सबसे ज्यादा मरीज खूनीपुर, तुर्कमानपुर, लाल डिग्गी, चौरहिया गोला, जाफरा बाजार, बसंतपुर, बहरामपुर ,रसूलपुर ,मिया बाजार, घोष कंपनी, काशीराम आवास योजना, मेवातीपुर मोहल्ले से आ रहे हैं.
ठंड बढ़ने के साथ-साथ जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट अस्पतालों में कोल्ड डायरिया के मरीज आए दिन भर्ती हो रहे हैं. केवल संक्रमण अस्पताल की बात की जाए तो 1 दिसंबर से 14 जनवरी तक शहर के विभिन्न जगहों से 308 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं. डॉक्टरों की माने तो आमतौर पर गर्मी के दिनों में होने वाले डायरिया जैसे ही लक्ष्य कोल्ड डायरिया के होते हैं ठंडी के दिनों में बढ़े बैक्टीरियल इन्फेक्शन और खानपान की लापरवाही के चलते शहर में कोल्ड डायरिया के काफी मरीज आ रहे हैं.
बताते चलें गोरखपुर जिला अस्पताल में रोजाना ओपीडी में 1200 से 1400 मरीज आते हैं. ऐसे में 20 से 25 मरीज कोल्ड डायरिया के रोजाना पहुंच रहे हैं. इन मरीजों में सबसे अधिक बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. हालांकि इनमें 1– 2 मरीज को ही गंभीर समस्या होने पर भर्ती करना पड़ा है बाकी मरीजों को दवा से ही घर पर इलाज चल रहा है. अभी इसके अलावा गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, एम्स के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज काफी संख्या में देखने को मिल रहे हैं.
रिपोर्टर – कुमार प्रदीप, गोरखपुर