Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में चर्चित सामूहिक धर्मांतरण मामले में पुलिस ने प्रयागराज के नैनी स्थित कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति, सहित चार लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर आज बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है.
मामले के जांच अधिकारी अमित मिश्रा ने कहा कि प्रयागराज के नैनी स्थित सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस (शुआट्स) के कुलाधिपति डॉक्टर जेटी ओलिवर, कुलपति बिशप राजेंद्र बी. लाल और प्रशासनिक अधिकारी विनोद बी. लाल का बयान दर्ज करने के लिए इन्हें नोटिस जारी किया गया है.
प्रकरण की जांच एटीएस की निगरानी में की जा रही है. एटीएस बीते दो माह में दो बार प्रकरण की जांच में आ चुकी है. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में फंडिंग का मामला सामने आने पर ही एटीएस ने निगरानी चालू की है. दरअसल चर्च में फंडिंग बाहरी संस्थाएं करती रही हैं. इन संस्थाओं के तार विदेशों से जुड़े हैं. मिशन के तहत जिले और दूसरे जिलों के कई चर्चों पर धर्मांतरण का काम किया गया है. उधर मिशनरी के लोगों का कहना है कि पुलिस एक भी धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति को अभी तक सामने नहीं ला सकी है.
इससे पहले हरिहरगंज स्थित इवेजिकल चर्च में 15 अप्रैल को सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगाकर हिंदू संगठनों ने हंगामा किया था. प्रकरण में पुलिस ने 36 नामजद और 20 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी. मामले में हरिहगंज चर्च के पादरी समेत 15 लोग जेल जा चुके हैं. कुछ और लोगों के नाम पर भी सामने में आए हैं.
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इस प्रकरण में तीन को छोड़कर सारे आरोपी जमानत पर हैं. मामले के विवेचक अमित मिश्रा ने बताया कि धर्मांतरण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रलोभन दिया है. इस काम में बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. चर्च संबंधी बैंक खातों और अन्य जांच की गई है. इसमें चर्च की संस्था में फंडिंग की बात सामने आई है. फंडिंग की जांच में प्रयागराज के नैनी एग्रीकल्चर यूविर्सिटी के चांसलर विनोद बिलाल, वाइस चांसलर आरबी लाल, प्रयागराज बाइबिल सेरेमनी बेली अस्पताल के पास रहने वाले बिसप मिस्टर पॉल, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट (सियाटस) के जेटी आलिवर को नोटिस भेजकर 29 दिसंबर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है.
विवेचक के मुुताबिक इनके खातों में लंदन से रुपये आए हैं. इन्होंने चर्च की संस्था को रुपये दिए हैं. फंडिंग की पड़ताल के लिए नोटिस जारी किया है. बयान में लेनदेन समेत संस्था के बारे जानकारी जुटाई जाएगी. जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। बयान के लिए हाजिर नहीं होने पर अग्रिम कार्रवाई होगी.