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UP: चुनाव समेत दूसरे कामों में अब नहीं लगेगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी, कोर्ट ने जारी किया आदेश

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या 1.89 के करीब है. अधिकारी समय-समय पर इन कर्मचारियों को चुनाव समेत अन्य दूसरे कार्यों में लगाते रहते हैं. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस संबंध में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के चुनाव समेत अन्य कामों में लगाने पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने इस संबंध में जरूरी निर्देश को लेकर अपने आदेश की प्रति मुख्य सचिव को भेजी है, जिससे कि वह संबंधित जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी कर सकें. जस्टिस आलोक माथुर की सिंगल बेंच ने मनीषा कनौजिया व एक अन्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया है. याचियों का कहना था कि वे बाराबंकी जिले के आंगनबाड़ी केंद्र सिटी गुलेरिया गरदा में बतौर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं, और उन्हें प्रशासन ने स्थानीय निकाय चुनाव में बतौर बूथ लेवल अफसर (BLO) की ड्यूटी में लगाया है, जोकि केंद्र और राज्य सरकार की आदेशों व निर्देशों में खिलाफ है.

कर्मचारियों ने बताया कि, उनकी इस तैनाती के कारण काम तो प्रभावति होता ही है. साथ ही क्षेत्र में बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल में भी व्यवधान आता है, जिससे स्थिति और अधिक खराब हो जाती है. मामले में अपना पक्ष रखते हुए जिलाधिकारी और अन्य पक्षकारों ने कहा कि, चुनाव का कार्य सर्वोच्च अहमियत वाला है. ऐसे में सभी अफसरों के सहयोग की जरूरत होती है.

मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि इन कार्यकर्ताओं का काम काफी अहमियत वाला होता है. इनकी चुनाव या किसी अन्य काम में तैनाती करने का मतलब धात्री, गर्भवती समेत अन्य के स्वास्थ्य को खतरे में डालना. इसके साथ ही कोर्ट ने कार्यकर्ताओं की उनके काम से अलग किसी भी तैनाती पर रोक के आदेश जारी कर दिए.

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