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लखनऊ में 26 साल बाद होगा IATO का सम्मेलन, देश के 900 टूर आपरेटर्स जुटेंगे, पर्यटन सेक्टर को लगेंगे पंख

Lucknow News: राजधानी लखनऊ में इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के 37वें वार्षिक सम्मेलन की तैयारियां तेज हो गई हैं. इस आयोजन से पर्यटन सेक्टर से जुड़े लोगों को बहुत उम्मीदे हैं. यह आयोजन न सिर्फ पूरे देश में चर्चा का विषय है, बल्कि इससे यूपी टूरिज्म के व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार में भी मदद मिलेगी.

इस आयोजन में देशभर के टूर आपरेटर्स राजधानी में जुटेंगे. इनके जरिए यूपी के पर्यटन स्थलों की विशेषताएं पूरी दुनिया के पर्यटकों तक पहुंचेंगी. राजधानी में लखनऊ में पिछला आईएटीओ सम्मेलन 1996 में आयोजित किया गया था. इसके बाद अब 26 साल बाद इसका आयोजन हो रहा है. लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान व होटल सेंट्रम में आईएटीओ का सम्मेलन 16, 17 व 18 दिसंबर को होना प्रस्तावित है. हालांकि पर्यटन विभाग ने अभी तारीखों का ऐलान नहीं किया है.

आईएटीओ के अध्यक्ष राजीव मेहरा के मुताबिक 26 वर्षों के अंतराल में लखनऊ वापसी बेहद उत्साहित करने वाला है. यह हमारे सदस्यों के लिए उत्तर प्रदेश में बेहतर और विकसित बुनियादी ढांचे को देखने का एक उत्कृष्ट अवसर होगा. आयोजन में देश के अलग अलग हिस्सों से आये टूर ऑपरेटर्स यूपी के टूरिज्म के विभिन्न पहलुओं से अवगत होंगे. इनके जरिए पूरी दुनिया में यूपी के पर्यटन सेक्टर का प्रचार प्रसार होगा. तीन दिवसीय इस आयोजन में करीब 900 प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है.

प्रदेश में अयोध्या में दीपावली व काशी में देव दीपावली के साथ प्राकृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों का विकास हुआ है. चिन्हित स्थलों पर पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. आईआईएम के युवाओं के साथ ही अब इस मुहिम में टूर आपरेटर्स को भी जोड़ा जा रहा है. नवंबर में देशभर के टूर आपरेटर्स का दिल्ली में कार्यक्रम हुआ, इसमें आपरेटर्स को आमंत्रित करने के लिए पर्यटन महानिदेशक मुकेश मेश्राम पहुंचे. अब राजधानी में आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है.

पर्यटन जानकारों के मुताबिक टूर आपरेटर्स सदस्यों के लिए ये आयोजन अच्छा अवसर है, क्योंकि प्रदेश में आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास हुआ है. लखनऊ सहित कई शहरों में नए होटल बने व सुविधाएं बढ़ीं हैं. अयोध्या, वाराणसी सहित अन्य जगहों में जिस तरह से धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है, इसके बाद पर्यटक इन जगहों पर जाना चाहते हैं.पर्यटन महानिदेशक मुकेश मेश्राम ने बताया कि आयोजन से पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा.

आईएटीओ का सालाना सम्मेलन इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि टूर आपरेटर पर्यटन स्थल का आकर्षक पैकेज तैयार करते हैं. इसके बाद उन्हें विभिन्न ट्रैवल एजेंट के जरिए या सीधे तौर पर लोगों तक पहुंचाते हैं. इसमें ध्यान रखा जाता है कि जो भी पैकेज तैयार हो, वह इतना आकर्षक हो कि पर्यटक ज्यादा से ज्यादा स्थलों का भ्रमण कर सकें और दरें उसके लिए किफायती हों. इस तरह पर्यटन सेक्टर के आगे बढ़ाने का दारोमदार इन्ही टूर आपरेटर्स पर निर्भर रहता है.

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कोरोना के कारण पर्यटन सेक्टर बहुत बुरा असर पड़ा था. हालात सामान्य होने के बाद भी कई तरह की बंदिशें थीं, जिसके कारण पर्यटक प्रमुख पर्यटन स्थलों पर नहीं पहुंच रहे थे. लेकिन अब इस सेक्टर ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों से लेकर इको टूरिज्म वाले क्षेत्रों में पर्यटक पहुंच रहे हैं. इस दौरान प्रदेश सरकार की मुहैया सुविधाओं ने उन्हें प्रभावित भी किया है. ऐसे में ये आयोजन इस सेक्टर का ग्राफ बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा.

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