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ब्रिटेन में भारतवंशी मकान मालिक के खिलाफ मकान किराये पर देने के संबंध में 10 साल का प्रतिबंध

ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक मकान मालिक पर बार-बार सुरक्षा जरूरतों का उल्लंघन करने और आवास मानदंड संबंधी गंभीर अपराध करने के बाद उत्तरी इंग्लैंड में स्थानीय काउंसिल ने मकान किराये पर देने के संबंध में 10 साल तक का प्रतिबंध लगा दिया है।
यह देश में इस तरह का अब तक का सबसे लंबा प्रतिबंध है।
निलेंदु दास (55) को शेफील्ड में खतरनाक आवासीय इकाइयों को बार-बार किराए पर देने के बाद देश के जालसाज मकान मालिकों के डेटाबेस में शामिल किया गया है। इस डेटाबेस में नाम शामिल किए जाने पर उनके खिलाफ 10 वर्षों के लिए संपत्तियों को किराए पर देने या प्रबंधित करने पर प्रतिबंध लग गया है।

शेफील्ड सिटी काउंसिल ने इस सप्ताह खुलासा किया कि मैनचेस्टर में प्रथम न्यायाधिकरण के फैसले के बाद अगस्त में प्रतिबंध जारी किया गया था और यह देश में सबसे लंबे समय तक प्रतिबंध वाला पहला आदेश है।
शेफील्ड सिटी काउंसिल की हाउसिंग कमेटी के अध्यक्ष काउंसलर डगलस जॉनसन ने कहा ‘‘निलेंदु दास की इकाइयों के खिलाफ जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वह उनके कृत्यों की गंभीरता, अग्नि सुरक्षा और अपने किरायेदारों की सुरक्षा के प्रति उनकी घोर लापरवाही को दर्शाती है। हम जालसाज मकान मालिकों के डेटाबेस में उनका नाम देखकर बहुत खुश हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दास के खिलाफ काउंसिल द्वारा पहले भी कई बार मुकदमा चलाया गया है। यह नया प्रतिबंध दास के आवास संबंधी अपराधों को जारी रखने के परिणामस्वरूप लगाया गया है।

नकी आवासीय इकाइयां काउंसिल के कानूनी अधिकारियों द्वारा देखी गई अब तक की सबसे खतरनाक इकाइयों में से थीं।’’
इस डेटाबेस को पूरे ब्रिटेन में सभी स्थानीय अधिकारियों द्वारा देखा जा सकता है और यदि दास ने प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करने का प्रयास किया, तो उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है या 30,000 पाउंड तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
जॉनसन ने कहा, ‘‘शेफील्ड सिटी काउंसिल आवास को किराये पर लगाने संबंधी गलत तौर-तरीकों और आपराधिक गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करती है। काउंसिल शेफील्ड के लोगों की रक्षा करने और धोखेबाज मकान मालिकों को बाहर करने के लिए कदम उठाएगी।

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