दक्षिण कोरिया के मुआन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए ‘जेजू एयर’ विमान में सवार 181 यात्रियों में से महज दो ही लोग जिंदा बच पाए हैं। दोनों चालक दल के सदस्य हैं। बाकी के 179 यात्रियों की दुखद घटना में मौत हो गयी है। सामने आयी जानकारी के अनुसार, अधिकारियों का मानना है कि विमान हादसा पक्षियों के टकराने की वजह से हुआ। पक्षियों के झुंड से टकरा जाने की वजह से विमान का लैंडिंग गियर खराब हो गया और वह रनवे से फिसलकर हवाई अड्डे की दीवार से टकराने के बाद आग की लपटों में घिर गया।
जेजू एयर के सीईओ किम ई-बे ने एक बयान जारी कर दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, किम ने अपने बयान में कहा, ‘कारण चाहे जो भी हो, मैं सीईओ के रूप में पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।’ जेजू एयर कंपनी ने दुर्घटना से निपटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने का आश्वासन दिया। एक बयान में, कंपनी ने कहा, ‘जेजू एयर दुर्घटना का जवाब देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’
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मुआन अग्निशमन केंद्र के प्रमुख ली जियोंग-ह्योन ने संवाददाताओं से कहा कि विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया है और मलबे के बीच केवल ‘टेल असेंबली’ ही पहचानी जा सकती है। ली ने बताया कि कर्मचारी दुर्घटना के कारणों के बारे में विभिन्न संभावनाओं की जांच कर रहे हैं। इसमें विमान के पक्षियों से टकराने के पहलू की भी जांच की जा रही है।
परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि संचार रिकॉर्ड के उनके शुरुआती आकलन से पता चला कि हवाई अड्डे के नियंत्रण टॉवर ने विमान को उतरने से कुछ समय पहले पक्षियों के टकराने की चेतावनी जारी की और पायलट को एक अलग क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी। अधिकारियों ने कहा कि पायलट ने दुर्घटना से पहले संकट संकेत भेजा था।
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परिवहन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जू जोंग-वान ने बताया कि कर्मचारियों ने विमान के ब्लैक बॉक्स से फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को निकाल लिया है और ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग’ उपकरण की तलाश की जा रही है।