चीन लंबे समय से समुद्र में अपनी धाक जमाता रहा है। अब उसने अपने तीन युद्धपोतों को समुंदर में चक्कर लगाने के लिए भेजा है। चीन की इस हरकत पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सतर्क हो गए हैं। तस्मान सागर दक्षिण प्रशांत महासागर का एक सीमांत सागर है, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच स्थित है। ऐसे में चीनी सेना ऑस्ट्रेलिया के पास एक्सरसाइज कर रही है और उससे तनाव बना हुआ है। रिपोर्ट है कि वहां एक्सरसाइज करना सामान्य घटना नहीं है। ऐसे में क्या क्वाड नेताओं ने इस पर कोई संज्ञान लिया है? इसको लेकर प्रभासाक्षी की तरफ से विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा गया। जिसके जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि जहां तक इंडोपेसेफिक क्षेत्र की बात है उसको लेकर हमारा पोजीशन बहुत साफ है कि जो भी चीजें वहां होती हैं वो अंतरराष्ट्रीय कानून के हिसाब से होनी चाहिए। कोई भी वहां पर विवाद हो उसे शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: हुनर दिखाने का समय आ गया…अमेरिका से टकराने के लिए शी जिनपिंग को पड़ी अलीबाबा वाले जैक मा की जरूरत
क्या कर रहे चीनी युद्धपोत?
आपको बता दें कि तस्मान सागर में तीन चीनी युद्धपोत चक्कर काट रहे हैं जिसको लेकर ऑस्ट्रेलिया की नींद उड़ गई है और उसने विमानन कंपनियों को सावधान रहने का निर्देश दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने उसके देश के हवाई अड्डों और न्यूजीलैंड के बीच उड़ान संचालित करने वाली अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों को चेतावनी दी है कि चीनी युद्धपोत तस्मान सागर में युद्धाभ्यास कर रहे हैं जिसके मद्देनजर वे सावधान रहें। तस्मान सागर दक्षिण प्रशांत महासागर का एक सीमांत सागर है, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच स्थित है। वोंग ने ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की उस खबर की पुष्टि की कि नियामक एयरसर्विसेज ऑस्ट्रेलिया ने वाणिज्यिक पायलेट्स को दोनों देशों के बीच हवाई क्षेत्र में संभावित खतरे के बारे में चेतावनी दी है, क्योंकि चीन के तीन युद्धपोत ऑस्ट्रेलियाई पूर्वी तट पर अभ्यास कर रहे हैं।
चीनी युद्धपोत पर ऑस्ट्रेलिया की नजर
आस्ट्रेलिया एवं अंतरराष्ट्रीय पायलट संगठन के उपाध्यक्ष कैप्टन स्टीव कॉर्नेल ने इस बात की आलोचना की कि चीन ने यहां अभ्यास करने का निर्णय किया। कॉर्नेल ने एक बयान में कहा कि दुनिया के इस हिस्से में चीनी युद्धपोतों का होना सामान्य बात नहीं है। पायलटों को अक्सर ही बाधाओं का सामना करना पड़ता है, चाहे वह इस तरह के सैन्य अभ्यासों से हो या रॉकेट प्रक्षेपण, अंतरिक्ष मलबे या ज्वालामुखी विस्फोट जैसी अन्य घटनाओं से हो।’’ अधिकारियों का कहना है कि चीनी नौसेना के कार्य समूह शायद ही कभी इस ओर आते हैं। यहां अभ्यास कर रहे पोत हैं- फ्रिगेट हेंगयांग, क्रूजर जूनी और वेईशानहू।