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Qatar में 10 साल में 3,313 भारतीय मजदूरों की मौत, क्या कामगारों की स्थिति को लेकर अमीर से PM मोदी की हुई बात? प्रभासाक्षी ने पूछ दिया सवाल

कतर में काम कर रहे भारतीय मजदूरों की खराब स्थिति को लेकर कई सारी रिपोर्ट आती रहती है। इस मुद्दे को लेकर भी प्रधानमंत्री संग अमीर शेख की मीटिंग के दौरान कोई बातचीत हुई? प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय सचिव (सीपीवी और ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि हमारी एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप मैकेनिज्म है। इस तरह की कोई घटना हमारे संज्ञान में आती है तो वो ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप के बीच इसकी चर्चा होती है। अभी एक पिछले हफ्ते ही ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की मीटिंग हुई थी। इस दौरान कामगारों के कंडिशन को लेकर कोई मामले संज्ञान में नहीं लाए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर का भारतीय समुदाय के लोगों के वेलफेयर के लिए सहयोग करने के लिए धन्यवाद भी किया है। 

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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में अपने-अपने देश के मंत्रियों और प्रतिनिधिमंडल से एक-दूसरे का परिचय कराया।। कतर और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते 70 के दशक से शुरू हुए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि कतर में करीब 8.35 लाख भारतीय रहते हैं। ये क़तर की कुल आबादी का 27 फ़ीसदी है। यानी कतर में 28 लाख लोगों में से 8 लाख भारतीय हैं। 

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कतर में 10 साल में 3,313 भारतीय मजदूरों की मौत
लोकसभा में जारी आंकड़े बताते हैं कि 2020 से 2022 के बीच पिछले 3 साल में 72,114 मजदूर भारत से कतर पहुंचे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 2011 से 2022 के बीच कतर में रहते हुए 3,313 भारतीय मजदूरों ने अपनी जान गंवा दी। ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट के मुताबिक, कतर में मजदूरों से जुड़े जो नियम हैं उसमें साफ कहा गया कि ऐसी स्थिति में कंपनियों को मजदूरों की परिवारों को मुआवजा देना पड़ेगा, खासतौर पर मौत कंस्ट्रक्शन साइट के दायरे में हुई है तो।

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