कथित रूप से मानव बलि के लिए सीमा पार भेजी गयी 16 वर्षीय एक नेपाली लड़की को भारत से मुक्त कराया गया है और नेपाल के कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने पांच महिलाओं समेत छह लोगों को उसकी तस्करी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
नेपाल के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सातवीं कक्षा की इस छात्रा को भारत में एक बड़े तांत्रिक से आशीर्वाद दिलाने एवं एक बहुत बड़ी रकम देने का वादा कर फंसाया गया था।
नेपाल के तस्करी रोधी ब्यूरो ने यहां से करीब 60 किलोमीटर दूर धाडिंग जिले से पांच महिलाओं समेत छह नेपाली लोगों को इस किशोरी को भारत में तांत्रिक के पास भेजने में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के प्रवक्ता दान बहादुर मल्ला ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘‘ प्राथमिक जांच से पता चला है कि इन सभी पांचों महिलाओं का तांत्रिक बाबा से संपर्क है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले साल 24 दिसंबर को एक महिला इस किशोरी के साथ सनौली बॉर्डर के रास्ते दिल्ली गयी थी।
ब्यूरो प्रमुख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जीवन कुमार श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘ उसे (किशोरी को) परीक्षण के लिए तीन तांत्रिक बाबाओं के पास ले जाया गया और आखिर में रविवार को पूर्णिमा के दिन उसे सबसे बड़े तांत्रिक को सौंपा जाना था।’’
उन्होंने कहा कि इस किशोरी को दिल्ली के बापरोला विहार में एक मकान में छिपाकर रखा गया था जहां से उसे भारतीय पुलिस अधिकारियों की मदद से मुक्त कराया गया।
नेपाल पुलिस ने कहा कि उसकी प्राथमिक जांच के हिसाब से इस किशोरी की बलि दिए जाने की आशंका थी।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘ किशोरी के शरीर का दो बार परीक्षण किया गया, पहली बार भारत ले जाये जाने से पहले उसका परीक्षण किया गया।’’
उन्होंने बताया कि उसे बृहस्पतिवार को एअर इंडिया की उड़ान से नयी दिल्ली से काठमांडू लाया गया और फिर उसे नेपाल के तस्करी रोधी ब्यूरो को सौंप दिया गया।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल वह यहां एक गैर सरकारी संगठन के संरक्षण में है।
नेपाल पुलिस के सूत्रों के अनुसार, माता और पिता के बीच तलाक हो जाने के बाद यह किशोरी अपने मामा के साथ रह रही थी। वह तीन दिसंबर को जब अपने मामा के घर से गायब हो गयी तब उसके रिश्तेदारों ने 21 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी।