भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भूकंप से धरती कांप गई है। भूकंप के तेज झटके शुक्रवार को महसूस किए गए है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की मानें तो शुक्रवार 21 फरवरी रात अफगानिस्तान में जो भूकंप आया है उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.9 मापी गई है।
भूकंप के झटके काफी तेजी से महसूस हुए है। लोगों में इस भूकंप के बाद दहशत फैल गई है। देर रात को आए इस भूकंप से बचने के लिए कई लोग अपने घर पर बाहर भागते दिखे ताकी अपनी जान बचा सके। हालांकि राहत है कि अब तक इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है।
इस भूकंप के संबंध में अधिक जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जारी की है। इसके मुताबिक भूकंप रात एक बजे आया था। भूकंप का केंद्र जमीन से 160 किलोमीटर नीचे था। इससे पहले 13 मार्च को भी अफगानिस्तान की धरती 4.0 तीव्रता के भूकंप से कांप गई थी।
कम गहराई वाले भूकंप होते हैं ज्यादा खतरनाक
जानकारों की मानें तो भूकंप जो कम गहराई से होते हैं वो अधिक गहराई वाले भूकंप की तुलना में अधिक खतरनाक होते है। माना जाता है कि इसके पीछे कारण है कि भूकंप में अधिक ऊर्जा धरती की सतह के पास से निकलती है, जिस कारण जमीन तेजी से हिलती है। ये इमारतों को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे भूकंप के कारण लोगों को नुकसान भी अधिक हो सकता है। वहीं जो भूकंप अधिक गहराई के समय आते है वो सतह तक पहुंचते पहुंचते कमजोर हो जाती है।
इससे पहले नौ फरवरी को भी अफगानिस्तान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस हुए थे। इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र धरती की 255 किलोमीटर गहराई में दर्ज हुआ था। इस दौरन लोग घबराकर घर से बाहर निकल गए थे। इस दौरान जान माल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली थी।
जानें बार बार अफगानिस्तान में क्यों आते हैं भूकंप
अफगानिस्तान में भूकंप के झटके बार बार महसूस किए जाते है। इसके पीछे मख्य कारण अफगानिस्तान का भौगोलिक स्थान है। अफगानिस्तान हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के पास है। इस जगह पर ही यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती रहती है। इस प्लेटों के टकराव से तनाव पैदा होता है, जिससे भूकंप अधिक आते है। अफगानिस्तान भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है।