विदेश मंत्री एस जयशंकर का संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार पर बड़ा हमला सामने आया है। विदेश मंत्री ने मुंबई हमले पर कहा कि कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। 26/11 का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि सबूत के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई थी। तत्कालीन सरकार ने कोई भी बड़ा एक्शन नहीं लिया था। पाकिस्तान पर कार्रवाई से दूरी बनाई गई थी। रक्षात्मक युग में हममें गुस्सा था। जयशंकर ने तत्कालीन एनएसए एमके नारायणन के हवाले से कहा कि मुंबई हमलों के बाद पिछली यूपीए सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने लिखा था कि हम बैठे, हमने बहस की और सभी विकल्पों पर विचार किया। तब हमने कुछ नहीं करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सफाई दी कि हमें लगा कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत पर पाकिस्तान पर हमला ना करने की कीमत से अधिक है।
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उस समय जयशंकर सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त थे। जून 2019 में वह वर्तमान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और भगवा पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश मंत्री बने। जयशंकर ने बार-बार कांग्रेस पर जवाबी कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। 26/11 को लोग भारत के इतिहास में सबसे खराब आतंकवादी हमला बताते हैं। अपने पूर्ववर्ती से तुलना करते हुए भाजपा बार-बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सितंबर 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और फरवरी 2019 में पाकिस्तान के अंदर बालाकोट हवाई हमले को अपनी मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा साख के प्रमाण के रूप में पेश करती है।
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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पहले दावा किया था कि यूपीए शासन ने कभी भी आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी बावजूद इसके कि बल एक ऐसे हमले के लिए तैयार था जिसका 100% सफल होना था। अपनी ओर से मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के एनएसए नारायणन ने पहले कहा है कि उन्होंने (नारायणन) खुद किसी प्रकार की तत्काल दिखाई देने वाली प्रतिशोध के लिए दबाव डाला था।