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Prabhasakshi Exclusive: Muizzu भारतीय दल को वापस भेज कर ही माने, China के बाद अब Turkiye के करीब क्यों जा रहा है Maldives?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि मालदीव ने भारत के असैन्य बल को वापस भेजने के निर्णय के बाद चीन के साथ नये रक्षा करार कर लिये हैं और समुद्री क्षेत्र में गश्त के लिए तुर्किये से ड्रोन खरीदे हैं इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मालदीव ने देश के समुद्री क्षेत्र में गश्त करने के लिए तुर्किये से ड्रोन खरीदे हैं। उन्होंने कहा कि यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब चीन ने मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के वास्ते मालदीव के साथ कुछ दिन पहले ही एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीदे गए ड्रोन की सही संख्या स्पष्ट नहीं है और न ही मालदीव के रक्षा मंत्रालय या विदेश मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि ड्रोन फिलहाल नूनू माफारू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि चीन के साथ ही तुर्किये की ओर झुक रहा मालदीव दरअसल भारत को यह दर्शा रहा है कि वह उससे दूर जा रहा है। उन्होंने कहा कि तुर्किये का भारत के प्रति रुख जगजाहिर है। ऐसे में हाल के वर्षों में यह देखने को मिला है कि जब भी तुर्किये को ऐसा लगता है कि किसी देश के संबंध भारत के साथ खराब हो रहे हैं या तनावपूर्ण चल रहे हैं तो वह उसको लुभाने का प्रयास करता रहता है। भारत से नाराज चल रहे देश को तुर्किये मदद का ऑफर करता है या कोई अन्य लोक लुभावन प्रस्ताव देता है ताकि वह भारत से और दूर हो। उन्होंने कहा कि भारत यह सब समझता है इसलिए हमेशा सतर्क रहता है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि मालदीव के रक्षा बल ने कहा है कि भारत द्वारा दिए गए हेलीकॉप्टर और उसका परिचालन करने वाले असैन्य चालक दल पर मालदीव का संचालन अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के लिए योजना, नीति और संसाधन प्रबंधन के प्रधान निदेशक कर्नल अहमद मुजुथाबा मोहम्मद ने कहा है कि कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी कराना सरकार की बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि एक तरह से देखें तो राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपना चुनावी वादा निभा कर देश की राजनीति में अपना रुतबा तो बढ़ा लिया है लेकिन उनके अड़ियल रुख और चीन के करीब जाने के दुष्परिणाम मालदीव में दिखने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह माले के मेयर चुनाव में राष्ट्रपति की पार्टी को करारा झटका लगा वह दर्शाता है कि जनता के मन में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि मालदीव में भारतीय कर्मियों के पहले बैच को तकनीकी कर्मियों से बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में बताया है कि एएलएच हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाले कर्मियों की पहली टीम का बदलाव पूरा हो चुका है। इसलिए, जिस पहले बैच को बदला जाना था वह पूरा हो गया है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि लेकिन भारत को नाराज करना अब मालदीव को भारी पड़ने लगा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में द्वीप देश में आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आई है। भारतीय पर्यटक, जो मालदीव में आते थे, अब द्वीप राष्ट्र से दूर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत 2023 में पर्यटक संख्या में शीर्ष पर रहने की तुलना में 2024 में छठे स्थान पर खिसक गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पर्यटन उद्योग इस स्थिति के लिए सत्तारुढ़ सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तो यह साल शुरू ही हुआ है जल्द ही भारतीयों की दूरी का असर वहां की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगेगा जिससे वहां की सरकार अपने आप दबाव में आ जायेगी। उन्होंने कहा कि हमें मालदीव के विपक्ष को कमजोर नहीं समझना चाहिए और चूंकि वह भारत समर्थक हैं इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि वहां जल्द ही हालात बदलेंगे।

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