ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को चुनाव में बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को घोषित स्थानीय चुनाव परिणामों में कंजर्वेटिव भारी नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे आगामी आम चुनाव में मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के 14 साल बाद सत्ता में लौटने की संभावना बढ़ गई है। लेबर ने इंग्लैंड में उन परिषदों पर नियंत्रण हासिल कर लिया जो दशकों से उनके पास नहीं थीं और संसद के लिए एक विशेष उप-चुनाव में सफल रही।
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चुनावों में विपक्ष की जीत ने सुनक पर अधिक दबाव बढ़ा दिया और इस साल के राष्ट्रीय चुनाव से पहले दो दिनों के स्थानीय परिणामों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि लेबर नेता कीर स्टार्मर सत्ता में आएंगे और हारेंगे। कंजर्वेटिव अब तक के सबसे खराब हाशिये पर हैं। ये स्थानीय चुनाव सुनक के लिए अंतिम परीक्षाओं में से एक थे, जो जीवन-यापन संकट सहित कई मुद्दों के कारण अपनी ही पार्टी के दबाव में थे। ऐसा बताया जा रहा है कि यह पिछले 40 साल में पार्टी के लिए सबसे खराब चुनावी परिणाम है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पार्टी के भीतर के विद्रोही नेता चुनाव में विपक्षी ‘लेबर पार्टी’ के बेहतर परिणाम हासिल करने के परिप्रेक्ष्य में ब्रितानी भारतीय नेता सुनक पर अपने हमले तेज कर देंगे।
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‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के करीब 26 प्रतिशत वोट ‘लेबर पार्टी’ के समर्थन में गए हैं। चुनाव संबंधी सर्वेक्षण के लिए जाने जाने वाले प्रोफेसर जॉन कर्टिस ने ‘बीबीसी’ से कहा कि यह स्थानीय चुनावों में ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के पिछले 40 साल में सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक है। इस उपचुनाव के साथ इंग्लैंड और वेल्स में स्थानीय चुनाव भी हुए। चुनाव परिणाम के सप्ताहांत तक आने और रविवार तक तस्वीर साफ हो जाने की उम्मीद है, लेकिन शुरुआती संकेतों के अनुसार, क्षेत्र में कई स्थानीय चुनावों में ‘लेबर पार्टी’ ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मेयर पद पर चुनाव के अधिकतर नतीजे सप्ताहांत में आने की उम्मीद है। लंदन के मेयर और लेबर पार्टी के नेता सादिक खान तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने की उम्मीद कर रहे हैं। उनके सामने ब्रितानी भारतीय व्यवसायी तरुण गुलाटी की चुनौती है।