इस्माइल हानिया की मौत का बदला लेने के लिए नई प्लानिंग शुरू हो सकती है। इजरायल के विरूद्ध शिया और सुन्नी संगठन आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट हो सकते हैं। ऐसा होता है तो ये मीडिल ईस्ट की शांति के लिए ये खतरनाक हो सकती है। 30 जुलाई को इस्माइल हानिया के साथ हूती नेता अब्दुल सलाम, उसके बगल में हिजबुल्ला का डिप्टी चीफ नसिम कासिम बैठा नजर आया। इनके साथ इस्लामिक जिहाद मूवमेंट का नेता जायद अल नाखा दिखाई दिया। अब ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेस्कियान के शपथग्रहण समारोह में गए हमास चीफ इस्माइल हानिया को हवाई हमले में मौत के घाट उतार दिया गया है। हानिया की मौत के बाद हूती, हिजबुल्ला, इस्लामिक जिहाद मूवमेंट और हमास ने बदला लेने की धमकी दी है। ये सभी आतंकी संगठन हैं जो शिया-सुन्नी आधार पर बंटे हुए हैं। लेकिन इजरायल के खिलाफ ये एक होते दिख रहे हैं।
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इजरायल से लड़ रहा हमास एक सुन्नी इस्लामिक संगठन है। इस्लामिक जिहाद मूवमेंट भी एक कट्टर सुन्नी संगठन है। वहीं हिजबुल्ला शिया संगठन है। जबकि हूती यमन का एक शिया मिलिशिया ग्रुप है। इनके अलावा सुन्नी मुस्लिम संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड भी है। ये खुलकर हमास का समर्थन करता है। इजरायल को डर है कि मुस्लिम ब्रदरहुड ही हमास लीडर इस्माइल हानिया का बदला लेने के लिए मिडिल ईस्ट की जंग में खुले तौर पर कूद सकता है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि शिया-सुन्नी में बंटे ये आतंकी संगठन ईरान में एकट्ठा हुए थे। वो ईरान जो एक शिया बहुल देश है फिर भी सुन्नी बाहुल फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन करता है। इसके पीछे ईरान के अपने हित हैं और इजरायल के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर लड़ने के लिए उसे फिलिस्तीन और चरमपंथी संगठन की जरूरत है।
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इजरायल पर ईरान, इराक, सीरिया, यमन और लेबनान की तरफ से घेरकर हमला करने की तैयारी है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि इजरायल पर चौतरफा हमले की तैयारी हो रही है। मिसाइल से लैस ड्रोन से इजरायल पर हमले का प्लान बन रहा है। इजरायल के सभी रडार सिस्टम को चाक-चौबंद रखा गया है। ईरान और हिजबुल्ला के मल्टीफ्रंट अटैक की आशंका के बीच तैयारी तेज कर दी गई है। लेबनान से सटे बॉर्डर पर आयरन डोम एक्टिव है। जॉर्डन से सटे बॉर्डर पर एग्रो डिफेंस सिस्टम तैनात है।