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Prabhasakshi Exclusive: Israel को मित्र देशों ने दे दिया तगड़ा रक्षा कवच, अपनी जान को खतरा देख Iran की उतर गयी सारी हेकड़ी

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने बिग्रेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि ईरान चाह कर भी इजराइल पर हमला करने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहा है? साथ ही इजराइल जिस तरह आक्रामकता से गाजा पर हमले बढ़ा रहा है क्या उसको देखते हुए संघर्षविराम की सभी संभावनाएं क्षीण हो चुकी हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दरअसल ईरान देख रहा है कि अमेरिका ने इजराइल पर अपना सुरक्षा कवच लगा दिया है ऐसे में यदि कोई हमला किया जाता है तो उसके विफल होने के ही आसार हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिस अंदाज में अमेरिका और इजराइल मिलकर ईरान को चेतावनी दे रहे हैं उससे तेहरान हिला हुआ है। उन्होंने कहा कि ईरान की ओर से पाले जा रहे आतंकी गुटों ने भी लगता है कि चुप्पी साध ली है। उन्होंने कहा कि एक अमेरिकी अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान हमास नेता इस्माइल हानिये की हत्या के जवाब में इजरायल पर हमला करता है तो उसे “प्रलयकारी” परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका साफ कर चुका है कि ईरान का हमला गाजा युद्धविराम की गति को पटरी से उतारने के बराबर होगा।
 

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बिग्रेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी कह चुके हैं कि कतर में दो दिनों की वार्ता के बाद युद्धविराम के आसार लग रहे हैं इसलिए किसी को हमले से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाइडन ने जिस लहजे में यह बात कही उसमें चेतावनी थी कि यदि अमेरिका और अन्य मध्यस्थों के प्रयासों को विफल करने का प्रयास किया गया तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि ईरान ने तेहरान में 31 जुलाई को हुए हमले के जवाब में इज़राइल को चेतावनी दी है। लेकिन हमास नेता की मौत की जिम्मेदारी अब तक इजराइल ने नहीं ली है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह बात भी है कि जिस तरह का हमला ईरान में हुआ था वह अकेले इजराइल नहीं कर सकता, उसमें अमेरिका और इजराइन दोनों का ही हाथ हो सकता है।
 

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बिग्रेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दूसरी ओर इज़रायली विदेश मंत्री इज़रायल काट्ज़ भी कह चुके हैं कि अगर इस्लामी गणतंत्र इज़रायल पर हमला करता है तो उन्हें ईरान के अंदर “महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर हमला करने” में अन्य देशों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ईरान जानता है कि यदि उसने हमला किया तो अमेरिका, इजराइल, फ्रांस और ब्रिटेन मिलकर जवाब दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईरान यह समझ गया है कि उसके किसी भी हमले से बचने और तगड़ा पलटवार करने की सारी तैयारी कर ली गयी है इसलिए वह चुप बैठा है।

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