भारत को आंख दिखाने वाले कनाडा को कर्मों की सजा मिल गई है। कनाडा से वो गलती हुई है जिसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा। खालिस्तानियों का अड्डा बन चुका कनाडा अब गलतियों का गढ़ भी बन चुका है। भारत और रूस को गुस्सा दिला चुके कनाडा ने अब इजरायल को हमले का मौका दे दिया है। कनाडा की एक गलती ने इजरायल को भड़का दिया है। भारत और रूस के बाद अब इजरायल ने कनाडा पर हमला बोल दिया है। ऐसे में आपको बताते हैं कि कनाडा ने आखिर इजरायल के साथ ऐसा क्या किया जिससे इजरायल इतना भड़क उठा है।
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यूक्रेन के कहने पर कनाडा की संसद में 98 साल के एक व्यक्ति को सम्मानित किया गया। आपको याद ही होगा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की कनाडा में जस्टिन ट्रूडो से मिलने पहुंचे थे। जेलेंस्की ने कनाडा को बताया कि 98 साल के इस व्यक्ति ने यूक्रेन को आजादी दिलवाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जेलेंस्की की बातों में आकर कनाडा की संसद ने दो बार खड़े होकर इस व्यक्ति के लिए तालियां बजाई। इसे सम्मानित भी किया। लेकिन इस व्यक्ति की असलियत सामने आई तो कनाडा के पैरों तले जमीन खिसक गई और वो माफी मांगता फिर रहा है।
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जिस व्यक्ति को कनाडा में सम्मानित किया गया वो हिटलर की सेना का पूर्व अधिकारी था। सेंटर फॉर इजरायल एंड यहूदी अफेयर्स ने ट्वीट में लिखा, ‘हम इस बात से बेहद परेशान और व्यथित हैं कि नाजी एसएस के कुख्यात 14वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के एक यूक्रेनी वेटरन के लिए संसद में खड़े होकर तालियां बजाई गई। इसने यहूदियों के नरसंहार में सक्रिय रूप से भाग लिया था।’आगे कहा गया कि कनाडा का यहूदी समुदाय यूक्रेन के साथ इस युद्ध में खड़ा है। लेकिन हम तब चुप नहीं रह सकते जब नरसंहार के दौरान यूक्रेनियों की ओर से किए गए अपराधों पर पर्दा डाला जाता है। इससे पहले रूस ने भी कनाडा को सीधे सीधे धमकी देते हुए कहा था कि जंग में यूक्रेन का साथ देकर ठीक नहीं किया जा रहा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यह प्रकरण ऐतिहासिक सच्चाई के प्रति लापरवाही दर्शाता है और नाजी अपराधों की स्मृति को संरक्षित किया जाना चाहिए।