पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो हाल में ही अमेरिका के दौरे पर गए थे। हालांकि, अमेरिका में उन्हें भारी बेइज्जती का सामना करना पड़ा। दरअसल, अपने बड़बोलेपन से सुर्खियों में आए बिलावल भुट्टो अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करना चाहते थे। लेकिन खबर यह है कि एंटनी ब्लिंकन ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। हालांकि, दोनों के बीच फोन पर बातचीत जरूर हुई थी। आपको बता दें कि इसी अमेरिका के दौरे के दौरान बिलावल भुट्टो ने भारत और नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी जिसके बाद से बिलावल भुट्टो को भारी विरोध झेलना पड़ रहा था। हालांकि, अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन से बिलावल भुट्टो की मुलाकात जरूर हुई है।
इसे भी पढ़ें: PM Modi के खिलाफ बिलावल की टिप्पणी पर फूटा कश्मीरियों का गुस्सा, भुट्टो की बर्खास्तगी की माँग
अमेरिकी विदेश मंत्री से बिलावल की मुलाकात नहीं होना, कहीं ना कहीं पाकिस्तान के लिए भारी बेइज्जती है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह भी है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन देश में ही मौजूद थे। उन्होंने इस दौरान पनामा के विदेश मंत्री से मुलाकात भी की थी। लेकिन बिलावल भुट्टो से फोन पर ही बात करके काम चला लिया। अमेरिकी विदेश मंत्री से बिना मुलाकात किए ही बिलावल भुट्टो को वतन वापस लौटना पड़ा। पाकिस्तान के लिए यह स्थिति सहज नहीं है। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बताई जा रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित भी अब शहबाज शरीफ की सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इतना ही नहीं, अब्दुल बासित ने तो पाकिस्तान को भारत से सीखने की नसीहत भी दे डाली।
इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान से हमले रोकने,सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिए पाक को धन देने को इच्छुक है अमेरिका:भुट्टो
पूर्व उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि जब एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात फिक्स नहीं हो पाई थी तो बिलावल भुट्टो को वाशिंगटन जाने की जरूरत ही क्या थी। अब्दुल बासित ने आगे कहा है कि आप अपने आप को हमेशा इतना गिरा हुआ क्यों दिखाते हैं? जब अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात नहीं होनी थी तो फिर वहां जाने का फायदा क्या हुआ। अब्दुल बासित ने कहा कि प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया कि बिलावल और एंटनी के बीच बातचीत हुई है। लेकिन यह बातचीत किस माध्यम से हुई, इसके बारे में नहीं बताया गया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मंत्री न्यूयॉर्क गए और वहां से वापस लौट गए। लेकिन आपको वाशिंगटन जाने की जरूरत क्या पड़ी।