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पड़ोसी देश में ये बड़ी साजिश रच रहा है अमेरिका? टेंशन में पड़ सकता है भारत

अमेरिका की विदेश नीति दुनिया के लिए परेशानी बनती जा रही है। रूस और यूक्रेन को जंग के मुहाने पर लाने में अमेरिका के योगदान की अनदेखी नहीं की जा सकती है। इसके अलावा इतिहास पर निगाहें घुमाएंगे तो पाएंगे कि इराक, वियतनाम और अफगानिस्तान में भी अस्थिरता को लेकर उसकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक मंच पर ये दावा भी किया था कि उनकी कुर्सी अमेरिका ने छीनी है। लेकिन अब अमेरिका भारत के दूसरे पड़ोसी बांग्लादेश में राजनीतिक संकट लाना चाहता है। अमेरिका बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के पीछे हाथ धोकर पड़ गया है। 

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह देश में शासन परिवर्तन लाना चाहता है। हसीना ने संसद में कहा कि वे लोकतंत्र को खत्म करने और ऐसी सरकार लाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका लोकतांत्रिक अस्तित्व नहीं होगा। यह एक अलोकतांत्रिक कार्रवाई होगी। हसीना की संयुक्त राज्य अमेरिका की आलोचना ऐसे समय में हुई है जब वाशिंगटन ने मानवाधिकारों से संबंधित मुद्दों पर उनकी पार्टी अवामी लीग की खिंचाई की है।

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दिसंबर के महीने में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा रैपिड एक्शन बटालियन के कई पूर्व और वर्तमान नेताओं को मंजूरी दी गई थी। आरएबी एक कुलीन बांग्लादेश अर्धसैनिक इकाई है जिस पर आरोप है कि उसने सरकार की ओर से जबरन गुमशुदगी और असाधारण हत्याएं की हैं। उसी महीने, अमेरिकी राजदूत पीटर हास ने हसीना के शासन में कथित रूप से जबरन लापता होने वाले पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की थी। इसमें विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता सजेदुल इस्लाम सुमन का परिवार भी शामिल था। 

फरवरी में अमेरिकी विदेश विभाग के काउंसलर डेरेक चॉलेट ने बांग्लादेश में लोकतंत्र के पतन के बारे में चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यह ढाका के साथ अमेरिकी सहयोग को सीमित करेगा और हसीना से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। आपको बता दें कि शेख हसीना भारत की करीबी मानी जाती हैं। उनकी वजह से ही बांग्लादेश में भारत की कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं। ऐसे में अमेरिका का ये कदम भारत को भी टेंशन में डाल सकता है। 

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