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भारत पर अमेरिका का दूसरा बड़ा एक्शन, मोदी से मीटिंग के बाद भी नहीं माने ट्रंप?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान ने अमेरिका से टेकऑफ ही किया था। इधर पीछे पीछे अमेरिका ने अपना एक और मिलिट्री विमान भारत भेज दिया है। पहले 104 अवैध भारतीयों की वापसी अमेरिका ने कराई। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत लौटने के साथ ही अमेरिका ने अमेरिका ने अवैध प्रवासियों का दूसरा जत्था भी भारत भेजने का फैसला कर लिया है। इस बार खबर है कि अमेरिका से 119 अवैध भारतीय आ रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की गैरकानूनी अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई अब और पुख्ता और तेज हो चुकी है। महज कुछ ही दिनों के भीतर अब एक और जत्था भारत लौट रहा है। इस जत्थे में 119 अवैध भारतीयों को शामिल किया गया है। ये 119 अवैध भारतीय ठीक उसी तरह भारत लौटेंगे जैसे पहले लौटे थे। पैरों में जंजीर और हाथों में हथकड़ी बांधे ये अवैध भारतीय भारत लौट रहे हैं। बड़ी बात ये है कि इस बार भी अमेरिका ने इनकी वापसी के लिए मिलिट्री विमान का इस्तेमाल किया है। 

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इस बार भी सी-17 विमान से ये अवैध भारतीय पंजाब के अमृतसर में लैंड करेंगे। सी-17 अमेरिकी सैन्य विमान पंजाब से 67, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश से 3, राजस्थान और महाराष्ट्र से 2-2 और गोवा, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से 1-1 व्यक्ति को लेकर अपने साथ आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब तक सभी अवैध प्रवासियों को उनके गृह देश वापस नहीं भेज दिया जाता तब तक ये कार्रवाई ऐसे ही जारी रहने वाली है। गैर कानूनी अप्रवासियों के लिए अमेरिका ने अपनी कार्रवाई और तेज कर दी है। दूसरी उड़ान शनिवार रात 10 बजे से 11 बजे के बीच अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने की उम्मीद है। पहली उड़ान में अधिकांश निर्वासित लोगों ने अमेरिका में प्रवेश करने के लिए अवैध “डंकी” मार्ग अपनाया था। कई लोगों ने बेईमान एजेंटों को भारी रकम चुकाने के बाद महीनों तक चलने वाली यात्राएं कीं। वापसी के बाद से पंजाब और हरियाणा सरकार ने ऐसे कई एजेंटों को गिरफ्तार किया है। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अवैध आव्रजन के मुद्दे पर चर्चा हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि वे छात्रों और पेशेवरों की कानूनी गतिशीलता के लिए रास्ते को सुव्यवस्थित करने और अल्पकालिक पर्यटक और व्यावसायिक यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, साथ ही अवैध आव्रजन और मानव तस्करी को आक्रामक तरीके से संबोधित करने और निपटने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। दोनों पक्षों की ओर से उन तत्वों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता है जो सार्वजनिक और राजनयिक सुरक्षा के साथ-साथ दोनों देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाते हैं। इस संबंध में कानून प्रवर्तन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता है, जो कि घटित कुछ घटनाओं को देखते हुए हमारे दृष्टिकोण से विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।  

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