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Modi-Biden की मुलाकात का असर, मुंबई हमला मामले में भारत के साथ खड़ा हुआ अमेरिका, आतंकी तहव्वुर राणा पर उठाया ये बड़ा कदम

अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने कैलिफोर्निया के एक कोर्ट को मुंबई हमलों की साजिश में शामिल तहव्वुर राणा की अर्जी अस्वीकार करने का आग्रह किया है। अमेरिका ने कहा है कि तहव्वुर को भारत को सौंपना चाहिए। कोर्ट ने राणा को भारत भेजने की मंजूरी दी है जिसके खिलाफ उसने अर्जी दी है। राणा इस वक्त लॉस एंजिलिस स्थित मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में हैं। भारत ने प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए 10 जून 2020 को शिकायत दर्ज कराई थी। राणा के भारत प्रत्यर्पण को 17 मई को अमेरिकी अदालत ने मंजूरी दे दी थी। 2011 में, उसे आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा को सामग्री सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिका में दोषी ठहराया गया था। हालाँकि, उन्हें 2008 के मुंबई हमले के संबंध में साजिश के आरोप में दोषी नहीं पाया गया था।

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी। कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के अमेरिकी वकील ई मार्टिन एस्ट्राडा ने अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समक्ष दायर अभिवेदन में कहा, ‘अमेरिका अनुरोध करता है कि अदालत राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका को अस्वीकार कर दे।

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तहव्वुर राणा कौन है?

62 साल का राणा हेडली का बचपन का दोस्त था। डेविड हेडली के नाम से तो आप सभी परिचित होंगे। अगर नहीं हैं तो संक्षेप में आपको बता देते हैं। हेडली एक अमेरिकी नागरिक है, उसके पिता पाकिस्तान जबकि मां अमेरिका की निवासी रही हैं। अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया। मुंबई हमलों में शामिल होने के लिए 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अमेरिकी सरकार ने कहा था कि हेडली को भारत में सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी करने की साजिश का दोषी ठहराया गया था। भारत में लोगों की हत्या करने और अपंग बनाने का षड्यंत्र, भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या में मदद करने और उकसाने के छह आरोप भी शामिल हैं। इसके अलावा डेनमार्क में एक समाचार पत्र के कार्यालय पर बमबारी करने की साजिश का भी हिस्सा था। इससे इतर उसके मित्र तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दल कैडेट स्कूल में पढ़ाई की, जिसमें हेडली ने भी पांच साल तक पढ़ाई की। पाकिस्तानी सेना में एक डॉक्टर के रूप में काम करने के बाद राणा ने कनाडा का रुख किया और अंततः वहां की नागरिकता भी प्राप्त कर ली। 

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मुंबई पर 26/11 के हमले में तहव्वुर राणा की क्या भूमिका थी?

राणा ने बाद में शिकागो यूएसए में फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नामक एक कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना की। यह मुंबई में इस व्यवसाय की एक शाखा थी जिसने हेडली को पाकिस्तानी आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए संभावित लक्ष्यों की पहचान करने और उन पर निगरानी रखने के लिए सही कवर प्रदान किया था।  26/11 के हमलों में 26 नवंबर, 2008 को, लश्कर के 10 आतंकवादी देश की वित्तीय राजधानी में घुस आए और लगातार तीन दिनों तक, मुंबई शहर आतंक की चपेट में रहा। ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख स्थलों पर हमला किया गया। हिंसा ने विदेशियों सहित 166 लोगों की जान ले ली। बाद में पता चला कि हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक नावों के जरिए भारत पहुंचे थे।

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