अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक व वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में फिर से शामिल होगा।
बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पांच साल तक अमेरिका इससे दूर रहा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमेरिका ने यूनेस्को में फिर शामिल होने के लिए पिछले सप्ताहांत एक पत्र भेजा।
मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रबंधन मामलों के उप मंत्री रिचर्ड वर्मा के आठ जून को भेजे पत्र में ‘‘ अमेरिका के संगठन में फिर से शामिल होने के लिए लिए एक योजना’’ प्रस्तावित की गई है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसे किसी भी कदम के लिए यूनेस्को के वर्तमान सदस्यों की सहमति की जरूरत होगी। हमें लगता है कि आने वाले दिनों में यूनेस्को का नेतृत्व सदस्यों को हमारे प्रस्ताव से वाकिफ कराएगा।’’
प्रस्ताव का ब्योरा तत्काल नहीं दिया गया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 1983 में अमेरिका के यूनेस्को से हटने का फैसला किया था। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 2002 में फिर से अमेरिका को संगठन में शामिल किया। ट्रंप ने 2017 में कथित तौर पर इसके इज़राइल विरोधी होने का हवाला दिया और इससे अमेरिका को हटा लिया। इज़राइल ने भी उसी समय यूनेस्को से हटने की घोषणा की, हालांकि वह जनवरी 2018 में इससे हटा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अधिकारी जॉन बेस ने कहा कि यूनेस्को में फिर शामिल होने से ‘‘ हमें उन चुनौतियों से निपटने का मौका मिलेगा, जो हमारी अनुपस्थिति के कारण चीन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उत्पन्न हो रही है।