अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने पूर्वी सीरिया में ईरान की रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) से जुड़े दो ठिकानों पर शुक्रवार को तड़के हवाई हमले किए। पेंटागन ने यह जानकारी दी।
ये हवाई हमले क्षेत्र में गत सप्ताह अमेरिकी सैन्य अड्डों और कर्मियों पर किए ड्रोन तथा मिसाइल हमलों के जवाब में किए गए।
अमेरिका के हवाई हमले, क्षेत्र में नाजुक संतुलन बनाए रखने के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं। अमेरिका, उस पर हमला करने वाले ईरान समर्थित संदिग्ध समूहों को निशाना बनाना चाहता था ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
ये हमले ऐसे वक्त में किए गए जब इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।
अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दो एफ-16 लड़ाकू विमानों ने बोउकमाल के समीप, आईआरजीसी से जुड़े हथियार तथा गोला बारुद के भंडार पर हमले किए।
उन्होंने बताया कि ठिकाने पर ईरान समर्थित मिलिशिया और आईआरजीसी के कर्मी थे और कोई नागरिक नहीं था लेकिन अमेरिका के पास अभी हताहतों या नुकसान की कोई जानकारी नहीं है।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया कि इन ठिकानों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि अमेरिकी सैन्य अड्डों और कर्मियों पर हमलों में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था, आईआरजीसी ने उनका भंडारण यहां किया हुआ था।
पेंटागन के अनुसार, 17 अक्टूबर से अब तक ईराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों और कर्मियों पर कम से कम 12 और सीरिया में चार हमले किए गए हैं।
वायु सेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने बताया कि इनमें से दो हमलों में अमेरिका के 21 कर्मी घायल हुए।
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान में कहा, ‘‘ईराक तथा सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों द्वारा 17 अक्टूबर को अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ किए जा रहे हमलों के जवाब में आत्मरक्षा में ये सटीक हमले किए गए।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह स्पष्ट करने के लिए लक्षित हमले करने का निर्देश दिया कि ‘‘अमेरिका ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी, अपने कर्मियों तथा अपने हितों की रक्षा करेगा।’’ उन्होंने कहा कि यह अभियान हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध से अलग था।
वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि एफ-16 हवाई हमलों का, अमेरिकी बलों पर हमले करने की ईरान की छद्म समूहों की क्षमता पर काफी असर पड़ेगा।
यह पूछने पर कि, किन समूहों को निशाना बनाया गया, उन्होंने कहा कि कई समूहों को निशाना बनाया गया जिनके अलग-अलग नाम हो सकते हैं लेकिन अमेरिका उनके वित्त पोषण, उन्हें हथियार मुहैया कराने तथा हमले का निर्देश देने के लिए तेहरान को जिम्मेदार ठहराता है।
उन्होंने कहा कि इन हवाई हमलों का मकसद क्षेत्र में संघर्ष का विस्तार करना नहीं बल्कि ईरान को मिलिशिया समूहों को अमेरिकी अड्डों तथा कर्मियों पर हमले न करने का निर्देश देने के लिए मजबूर करना है।
पेंटागन के अनुसार, आतंकवादी हमलों में घायल हुए अमेरिका के सभी सैन्य कर्मियों को मामूली चोटें आयी और वे सभी ड्यूटी पर लौट गए हैं।
अमेरिकी अधिकारियों ने सीरिया और इराक में हाल के कई हमलों का संबंध गाजा में हिंसा से नहीं बताया है लेकिन ईरानी अधिकारियों ने इजराइल को हथियार मुहैया कराने के लिए अमेरिका की खुलकर आलोचना की है।