भारतीय अमेरिकी इंजीनियर ने दावा किया कि उसे एक रिश्तेदार से फोन पर हिंदी में बात करने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार उसे भारत में अपने बहनोई के साथ वीडियो कॉल पर हिंदी में बात करते हुए सुना गया था। रिपोर्टों में कहा गया है कि उसने अब है भेदभावपूर्ण कार्यों के आरोप में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। यह घटना पिछले साल की है जब भारतीय अमेरिकी इंजीनियर अनिल वार्ष्णेय को उनके श्वेत सहकर्मी ने वीडियो कॉल पर हिंदी में बात करते हुए सुना था।
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रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पिछले साल उन्हें लंबे समय से चली आ रही नौकरी से निकाल दिया गया था। उन्होंने अलबामा के उत्तरी जिले में पार्सन्स कॉरपोरेशन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे. ऑस्टिन के खिलाफ नागरिक अधिकार मुकदमा दायर किया है, जिनका विभाग संयुक्त राज्य अमेरिका मिसाइल रक्षा एजेंसी, AL.com की देखभाल करता है।
मुकदमे में लिखा है कि यह वार्ष्णेय के अत्यधिक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग करियर को समाप्त करने के प्रतिवादियों के जानबूझकर किए गए कृत्यों से उत्पन्न हुआ है। वार्ष्णेय 78 वर्षीय भारतीय अमेरिकी हैं। प्रतिवादियों ने वार्ष्णेय को अचानक बर्खास्त कर दिया जब उनके एक श्वेत सहकर्मी ने उन्हें हिंदी बोलते हुए सुन लिया। मुकदमे में कहा गया है कि इंजीनियर अनिल वार्ष्णेय ने जुलाई 2011 से अक्टूबर 2022 तक पार्सन्स हंट्सविले कार्यालय में काम किया। वह 2 मिनट के लिए एक खाली कक्ष में अपने जीजाजी के साथ वीडियो कॉल पर थे।
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कंपनी ने कहा है कि उन्होंने कार्यस्थल पर फेसटाइम एप्लिकेशन का उपयोग करके सुरक्षा उल्लंघन किया और उन्हें नौकरी से निकाल दिया। वार्ष्णेय का दावा है कि कॉल न उठाने को लेकर ऐसी कोई नीति नहीं थी। मुकदमे में यह आरोप लगाया गया है।