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G20 के शानदार आयोजन से इतर नकारात्मक खबरों को दी प्राथमिकता, भारत के दोस्त रूस को नहीं आया ये रास, पश्चिमी मीडिया को लगाई लताड़ा

विश्व के सबसे प्रभावशाली देशों के समूह G20 की समिट की अध्यक्षता कर भारत ने कई मुकाम हासिल किया है। भारत ने सालाना होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक सफलतापूर्व आयोजित की। भारत ने अपनी अध्यक्षता में ग्लोबल साउथ को आवाज देने के लिए ‘वाइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ का आयोजन किया, जिसमें दुनिया के 125 देशों ने हिस्सा लिया। जी20 आयोजन के लिए भारत ने शानदार तैयारी की है, जिसकी चर्चा भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की बाकी मीडिया में भी हो रही है। लेकिन पश्चिमी मीडिया का भारत के साथ डबल स्टैंडर्ड वाला रवैया पुराना रहा है। इस बार भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। भारत को लेकर कुछ नकारात्मक खबरें पश्चिमी मीडिया में चलाई जा रही हैं। लेकिन ये कदम भारत के खास दोस्त रूस को रास नहीं आया है। रूस के सरकारी ब्रॉडकास्टर ने पश्चिमी मीडियो को लताड़ लगाई है। 

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नकारात्मक खबरों को प्राथमिकता 

दिल्ली में समूह 20 शिखर सम्मेलन को लेकर कुछ अंतरराष्ट्रीय समाचार प्रकाशनों ने नरेंद्र मोदी सरकार के तहत भारत में कथित लोकतांत्रिक गिरावट पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बहुपक्षीय मंच पर भारत की अध्यक्षता का उपयोग करके मोदी को दुनिया के नेता के रूप में पेश करने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला है। इसके अलावा, उन्होंने बताया है कि कैसे दिल्ली ने गरीब लोगों को पर्दे के पीछे छुपाने की कोशिश की है और कैसे शिखर सम्मेलन से संबंधित सुरक्षा प्रतिबंधों ने आम लोगों की आजीविका को नुकसान पहुंचाया है। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के एक संपादकीय में कहा गया है कि जी20 की ‘खुशहाली’ यह दिखाएगी कि पश्चिम कैसे मोदी के ‘बहुसंख्यकवाद’ को नजरअंदाज करता है क्योंकि वे चीन को नियंत्रित करने में भारत को एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखते हैं। जबकि वाशिंगटन पोस्ट ने अपने एक लेख में लिखा कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक कार्यक्रम जी20 को अपने रिब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किया है। लेख में कहा गया- ”देश भर में बिलबोर्ड पर प्रधानमंत्री का चेहरा चिपका दिया गया है।

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रूस ने पश्चिमी मीडिया को दिखाया आइना

रूसी ब्रॉडकास्टर ने पश्चिमी मीडिया को आईना दिखाते हुए कहा कि जिस तरह से भारत में अमीरी के बीच गरीबी की समस्या है, अमेरिका के सिलिकन वैली (कैलिफोर्निया) में लोगों के पास घर नहीं है। अमेरिका के बड़े शहरों में  बड़े पैमाने पर ड्रग्स की समस्या है, जिससे जुड़े वीडियो सामने आते रहते हैं। यूरोप के अधिकांश शहर प्रवासियों और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। आरटी ने अपने ओपिनियन आर्टिकल में कहा कि भारत ने शानदार तरीके से जी20 शिखर सम्मेलन का आयोदन किया है। लेकिन पश्चिमी मीडिया की खबरों में इस आयोजन को लेकर केवल नकारात्मक खबरें ही चल रही है। 

 

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