कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया की सर्वोच्च अदालत ने रूस की ओर से दाखिल उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी कैनबरा के एक भूखंड से रूसी दूतावास को हटाने के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जेन जैगोट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि भूखंड के पट्टे (लीज़) को समाप्त करने वाले कानून को संवैधानिक आधार पर चुनौती देने का रूस का कदम ‘कमजोर’ और ‘समझ से परे है।’
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गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई संसद ने 15 जून को एक आपातकालीन विधेयक पारित किया था, जिसके तहत एक भूखंड पर रूस के पट्टे को सुरक्षा आधार पर समाप्त कर दिया गया था, क्योंकि इस पर निर्मित होने वाला मॉस्को का नया दूतावास (ऑस्ट्रेलियाई) संसद भवन के बहुत करीब होता।
सुनवाई के दौरान रूस के वकील इलियट हाइड ने दलील दी कि अगर पट्टे की समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला होने तक रूसी दूतावास को भूखंड पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति नहीं दी गई, तो राजदूत एलेक्सी पावलोव्स्की को वहां पहले से ही मौजूद एक उच्चायोग भवन की अखंडता और सुरक्षा को लेकर भरोसा नहीं होगा।
इलियट ने कहा कि उक्त भूखंड पर पिछले एक हफ्ते से एक अस्थाई कक्ष में रह रहा व्यक्ति परिसर की सुरक्षा करने वाला सुरक्षाकर्मी है। मीडिया में प्रकाशित खबरों में इस व्यक्ति को रूस का एक राजनयिक बताया गया था।
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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि रूसी अधिकारी जल्द उक्त भूखंड को खाली कर देंगे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि उक्त भूखंड पर रूस की उपस्थिति जारी रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि रूसी संघ अदालत के फैसले के अनुसार काम करेगा।”
हालांकि, रूसी दूतावास ने इस फैसले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। इससे पहले, रूस ने कैनबरा के कूटनीतिक क्षेत्र में एक भूखंड के पट्टे को रद्द करने के ऑस्ट्रेलिया के फैसले को ‘रूस विरोधी भावना’ करार दिया था। रूस इस स्थान पर अपना नया दूतावास बनाना चाहता था।
ऑस्ट्रेलिया में रूस का मौजूदा दूतावास कैनबरा के उपनगर ग्रिफिथ में स्थित है और फैसले का इसके संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है।