प्रत्येक वर्ष ऑस्ट्रेलिया का अभिलेखागार 20 साल पुराने कैबिनेट दस्तावेजों को सार्वजनिक करता है और इस बार उसने नव वर्ष पर इन दस्तावेजों को जारी किया है।
सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में वर्ष 2002 के कैबिनेट रिकॉर्ड हैं जो इससे एक साल पहले हुई दो अहम घटनाओं की पृष्ठभूमि में सरकार की कार्यप्राणाली को इंगित करती है।
पहली घटना अगस्त 2001 की है, जब ऑस्ट्रेलियाई सैनिक नार्वे के जहाज एमवी टाम्पा पर सवार हुए, जिसपर 400 से अधिक शरणार्थी मौजूद थे। इसके तुरंत बाद सरकार नया विधेयक लेकर आई जिसमें ऑस्ट्रेलिया की मुख्यभूमि पर ‘‘अवैध तरीके से आने’’वालों को रोकने का प्रावधान था।
विधेयक में, नौका से आने वाले को अपतटीय क्षेत्र में ही मदद करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
दूसरी अहम घटना 11 सितंबर 2001को आतंकवादी संगठन अलकायदा द्वारा अमेरिका में किया गया हमला है। इसके कारण विश्व ने एक नए सुरक्षा युग में प्रवेश किया और ऑस्ट्रेलिया की राजनीति आज भी इससे प्रभावित है।
अमेरिका में 9/11 (11 सितंबर 2001) की घटना की वजह से दो युद्ध हुए, जिनमें ऑस्ट्रेलिया ने हिस्सा लिया। पहला युद्ध अफगानिस्तान में हुआ, जो 2001 से शुरू होकर वर्ष 2022 तक चला।
दूसरा इराक में गठबंधन सेनाओं की वर्ष 2003 में शुरू में सैन्य कार्रवाई जो वाशिंगटन द्वारा 2002 में लिए गए फैसले के बाद की गई।
वर्ष 2001 में हुई 9/11 की घटना और टाम्पा घटना से लेबर पार्टी को मदद मिली औरउस साल नवंबर में हुए संघीय चुनाव में गठबंधन पार्टियों को लगातार तीसरी बार जीत मिली।
प्रशांत महासागर समाधान और आव्रजन:
वर्ष 2002 के कई कैबिनेट रिकॉर्ड सरकार की ‘प्रशांत समाधान’ की निरंतरता से जुड़ी है।
इनमें पापुआ न्यू गिनी और नाउरु में ही अपतटीय सुविधा पहुंचना, क्रिसमस द्वीप पर नए आव्रजकों को हिरासत में रखना और मुख्य भूमि पर आव्रजन केंद्रों को सुदृढ़ करना शामिल है।
एक अन्य दस्तावेज ऑस्ट्रेलिया के सामान्य आव्रजन कार्यक्रम से जुड़ा है, जिनमें प्रवासियों के लिए ‘विशेष मानवीय कार्यक्रम’ शामिल है ताकि नौका से आने की कोशिश कर रहे प्रवासियों को छोड़ कर अन्य शरणार्थी शिविरों में रह सके। वर्ष 2022 में हुए फुटबॉल विश्व कप के चार खिलाड़ी अफ्रीका में जन्मे थे और ऑस्ट्रेलिया में विशेष मानवीय कार्यक्रम के तहत दाखिल हुए थे।
उदाहरण के लिए डिफेंडर थॉमस देंग का जन्म केन्या में हुआ था और बाद में उनके माता-पिता सूडान चले गए और वहां से वर्ष 2003 में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे।
राष्ट्रीय सुरक्षा:
कैबिनेट के सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, रक्षा और आंतकवाद रोधी अभियान से जुड़े फैसले हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रतीकात्मक रूप से सबसे बड़ा संकट वाला समय 12 अक्टूबर को आया, जब जेमाह इस्लामिया आतंकवादी समूह ने पर्यटन स्थल इंडोनेशिया के बाली में धमाका किया। इस घटना में 200 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें 88 ऑस्ट्रेलियाई शामिल थे।
कैबिनेट के दो संक्षिप्त विवरण के मुताबिक मौखिक रिपोर्ट में कैबिनेट ने कहा कि बाली संकट में विदेश और व्यापार विभाग द्वारा बहुत काम किया गया। इन दस्तावेजों में रक्षामंत्री रहे रॉबर्ट हिल की कई रिपोर्ट है जो रक्षा कार्यक्रम और हथियार खरीद से जुड़ी थी। हिल पहले आधिकारिक आलोचक हैं जिन्होंने वर्ष 1980 से चली आ रही ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नीति की आलोचना की।
जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और विरासत:
वर्ष 2002 के दस्तावेजों के मुताबिक जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और विरासत मंत्रिमंडल की चर्चाओं में अहम मुद्दा था। खासतौर पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डल्ब्यू बुश द्वारा 1997 से संकेत मिलने के बाद मंत्रिमंडल ने 1997 क्योतो प्रोटोकॉल का अनुमोदन नहीं करने का फैसला किया। यूरोपीय संघ और जापान ने वर्ष 2002 में इस समझौते का अनुमोदन कर दिया था, लेकिन रूस और कनाडा ने वर्ष 2005 तक इसके प्रभावी होने तक ऐसा नहीं किया था।