पाकिस्तान की अदालत ने सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल सुनवाई के खिलाफ रोक को 20 नवंबर तक बढ़ा दिया। न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज की इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) की पीठ ने जेल मुकदमे के खिलाफ 71 वर्षीय खान की इंट्रा-कोर्ट अपील की सुनवाई के दौरान रोक बढ़ा दी। यह अपील उसी अदालत की एकल सदस्यीय पीठ के खिलाफ दायर की गई थी, जिसने पिछले महीने रावलपिंडी की अदियाला जेल में खान के मुकदमे को बरकरार रखा था, जहां उसे कैद में रखा गया है।
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खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अनुसार, आईएचसी ने आधिकारिक गुप्त अधिनियम के तहत सिफर मामले की सुनवाई पर रोक सोमवार, 20 नवंबर तक बढ़ा दी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को फिलहाल न्यायिक रिमांड पर रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा गया है। खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री 67 वर्षीय शाह महमूद कुरेशी, जिन्हें भी सिफर मामले में गिरफ्तार किया गया था, उसी जेल में कैद हैं। खान और क़ुरैशी ने आरोपों पर खुद को निर्दोष बताया है।
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कार्यवाहक सरकार ने मार्च 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास द्वारा एक गुप्त राजनयिक केबल से निपटने के दौरान आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के कथित उल्लंघन के आधार पर मामले में खान और कुरेशी के जेल मुकदमे को मंजूरी दे दी है। दोनों पर संघीय जांच द्वारा मामला दर्ज किया गया था।