ढाका । संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा है कि विश्व निकाय ने बांग्लादेश की सेना को चेतावनी दी थी कि यदि वह जुलाई-अगस्त 2024 में हुए छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल हुई तो उसे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। बांग्लादेश में छात्रों ने पिछले साल बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे जिसके चलते 15 साल से अधिक समय से सत्तारूढ़ शेख हसीना सरकार को पांच अगस्त को अपदस्थ होना पड़ा था।
इसके तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त तुर्क बुधवार को बीबीसी के हार्डटॉक कार्यक्रम में थे। उन्होंने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप का प्रभाव पड़ा। उन्होंने यह बात तब कही जब साक्षात्कारकर्ता ने उनसे कहा कि विश्व निकाय अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संकटों को हल करने में शक्तिहीन दिखाई देता है।
ढाका ट्रिब्यून ने शुक्रवार को तुर्क के हवाले से कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर दमन हो रहा था। उनके लिए सबसे बड़ी उम्मीद वास्तव में हमारी आवाज़ थी, मेरी आवाज थी, और हम जो कर पाए थे, वह भी यही था।’’ तुर्क ने कहा, ‘‘और हमने सेना को चेतावनी दी थी कि अगर वह इसमें शामिल होती है, तो इसका मतलब है कि वे अब सेना का योगदान देने वाला देश नहीं रह पाएंगे। परिणामस्वरूप, हमने बदलाव देखे।